बॉलीवुड एक्टर जिसने ओशो आश्रम में मांजे बर्तन, बना माली
पहले विलेन बने बाद में हीरो
विनोद खन्ना बॉलीवुड के उन चुनिंदा एक्टर में से एक हैं जिन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में विलेन का किरदार निभाया। और बाद में हीरो के रूप में पहचान बनाई। साल 1970 में फिल्म 'पूरब और पश्चिम', 'सच्चा झूठा', 'आन मिलो सजना' और 'मस्ताना' में अलग-अलग किरदार निभाए। इसके ठीक एक साल बाद 1971 में आई फिल्म 'हम तुम और वो' से विनोद लीड हीरो के तौर पर दर्शकों के सामने आए। इसके बाद साल 1982 तक विनोद कई फिल्मों में बतौर हीरो नजर आए।
फिर हुई वापसी
साल 1987 में फिल्म 'इंसाफ' के साथ ही विनोद ने फिल्म इंडस्ट्री में फिर से वापसी की। इसके बाद विनोद लगातार फिल्म में सक्रिय रहे। और मल्टी-स्टारर फिल्मों में काम किया। ओशो के अनुयायी बनने के बाद विनोद की पत्नी गीतांजलि ने उन्हें डाइवोर्स दे दिया था। बाद में साल 1990 में विनोद ने दूसरी शादी की।
राजनीति में भी सक्रिय
विनोद खन्ना ने 1997 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। और पंजाब के गुरुदासपुर से 1999 लोकसभा का चुनाव लड़ा और शानदार जीत पाई। फिलहाल विनोद खन्ना अभी भी सांसद हैं।
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