'अन्ना की सलाह' के बाद बिन्नी का अनशन ख़त्म
उनका कहना है कि वह दिल्लीवासियों से किए गए बिजली-पानी के वायदे पूरे करन के लिए वह दिल्ली सरकार को दस दिन का समय और दे रहे हैं.बिन्नी सोमवार सुबह ही जंतर-मंतर में धरने पर बैठे थे. इससे पहले उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात भी की थी.धरना ख़त्म करने का ऐलान करते हुए बिन्नी ने कहा कि वह केजरीवाल सरकार की कथनी और करनी में अंतर को उजागर करने के लिए देशव्यापी आंदोलन चलाएंगे.अन्ना की सलाहविनोद कुमार बिन्नी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अन्ना ने उन्हें कहा, "दो-चार दिन के आंदोलन से कुछ नहीं होने वाला. भूखे मरने से कुछ नहीं होने वाला- हमने बहुत भूखे मरकर देख लिया है."
बिन्नी के मुताबिक अन्ना ने कहा, "एक जगह बैठने से कुछ नहीं होने वाला. अनशन वाली प्रक्रिया इस देश में खत्म हो चुकी है. आपको पूरा संगठन बनाकर इनका मुकाबला करना होगा. इनकी नीतियों की कमियों को दिखाना होगा और अपनी नीतियां बनानी होंगी."बिन्ना ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी चाहती ही नहीं हैं कि सरकार चले, वह चाहते ही नहीं हैं कि जनता से किए वायदे पूरे करें.
उन्होंने कहा कि वह पूरे देश में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार के ख़िलाफ़ अभियान चलाएंगे और इनकी कथनी-करनी में फ़र्क बताएंगे.उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पत्रकारों ने बिन्नी के धरने के बारे में सवाल करते हुए पूछा कि बिन्नी पार्टी के और भी कई विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं. इस पर केजरीवाल ने कहा कि, "देख लेंगे. हम सरकार बचाने की राजनीति थोड़े ही न कर रहे हैं."निष्कासन
लेकिन बिन्नी ने बीजेपी से प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा बीजेपी और कांग्रेस के ख़िलाफ़ राजनीति की हैं, चुनाव लड़े हैं. वह जनता के बीच रहकर आम आदमी पार्टी के विरोधाभासों को सामने लाएंगे.