- सोरांव में हुआ उपद्रव, मेजा व शंकरगढ़ में भी हुआ हंगामा

- देररात तक 1000 बीडीसी सदस्यों का ही परिणाम हो सका घोषित

- जिला पंचायत सदस्यों पर स्पष्ट नहीं हो सका जनादेश

ALLAHABAD: रविवार को जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनाव की मतगणना में अराजकता की हद टूट गई। देर रात तक कई मतगणना स्थलों पर हंगामे की सूचना मिली। हंगामे की सूचना पर डीएम व एसएसपी मतगणना सेंटर्स पर दौड़ते रहे।

लाठीचार्ज के विरोध में पथराव

सोरांव ब्लाक के लिए मेवालाल इंटर कालेज सोरांव में चल रही मतगणना के दौरान इलाहाबाद फैजाबाद मार्ग पर भीड़ बढ़ जाने के कारण पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें दो सिपाही रामलखन आर्या और रामकरन पाल घायल हो गए। बवाल बढ़ता देख भारी मात्रा में फोर्स बुलाकर पथराव करने वालों को मौके से खदेड़ा गया।

मतपत्रों को खा गया दीमक

मेजा तहसील क्षेत्र के उरुवा की काउंटिंग के दौरान उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब पता चला कि डोहरिया व चिलबिला गांव की मतपेटिका में बद मतपत्रों को दीमक खा गए। ग्रामीणों के तगड़े विरोध के बावजूद काउंटिंग कराई गई। इसी ब्लाक में इनवैलिड मतों को लेकर दो जिपं सदस्य प्रत्याशियों के बीच मारपीट हुई। वहीं शंकरगढ़ ब्लाक में फर्जी पास को लेकर एजेंट पर कार्रवाई के बाद जमकर हंगामा हुआ। इसके अलावा कई जगहों पर समर्थकों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। हालांकि इसके बाद भी प्रशासन ने शांतिपूर्ण मतदान का दावा किया। मतगणना केंद्रों पर जोनल और सुपर जोनल मजिस्ट्रेट को तैनात किया गया था।

सिर्फ बीडीसी मेंबर्स के आए परिणाम

हंगामे और अराजकता के बीच देर रात तक जनादेश साफ नहीं हो सका। काउंटिंग का देर से शुरू होना इसकी अहम वजह रही। क्षेत्र पंचायत सदस्य के लगभग 1000 पदों के परिणाम घोषित हो सके, जबकि जिला पंचायत के रिजल्ट का खाता भी नहीं खुल सका था। वहीं, पचास प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध विजयी हो चुके हैं। बता दें कि पंचायत चुनाव में जिले के बीस ब्लॉकों में क्षेत्र पंचायत की 2279 और जिला पंचायत की 92 सीटों पर चार चरणों में चुनाव हुए थे।

केसरी, रेखा, अर्चना ने बनाई बढ़त

रविवार रात तक मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केसरी देवी, उनकी बहू लक्ष्मी देवी, सपा नेता व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्र की पत्‍‌नी अर्चना मिश्रा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदियों से बढ़त बना रखी थी। विधायक बिजमा यादव के पुत्र वीरेंद्र कुमार यादव पीछे चल रहे थे।

लगाई गई थीं 440 टेबल

बता दें कि मतगणना के लिए सभी बीस ब्लॉकों पर 440 टेबल लगाई गई थीं। हर टेबल पर पांच कर्मचारी एक साथ मतों की गिनती में लगे रहे। स्कूल-कॉलेजों में बने केंद्रों पर प्रत्येक कमरे में दो टेबल लगाई गई थीं। जिनमें एक पर बीडीसी व दूसरे पर जिला पंचायत की मतगणना की गई। 220 सहायक रिटर्निग ऑफिसर लगाए गए थे। कुल मिलाकर 880 मतगणना पार्टियों में 4400 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। केंद्रों से दो सौ मीटर की परिधि में समर्थकों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया था।

Posted By: Inextlive