गोलियों से छलनी हिजबुल आतंकी की लाश मिलने के बाद भड़की हिंसा
हिजबुल कंमाडर था फयाज अहमद शनिवार सुबह उत्तरी कश्मीरी जिले के तांगमार्ग इलाके में देवबग गांव में वेलू (पाप्तन) के स्थानीय निवासी फायज अहमद का गोलियों से छलनी शव बरामद किया गया। कहा जा रहा है कि वह हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर था और छह साल से अधिक समय से आतंकी दल में सक्रिय था। पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए उसके शव को परिजनों के सुपुर्द करने से पहले आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए अपने कब्जे में ले लिया है।दो संगठनों की आपसी लड़ाई में गयी जान
कहा जा रहा है कि पिछले सप्ताह भी कश्मीर के बारामूला जिले में एक सेब के बगीचे से पुलिस ने तीन लोगों के गोलियों से छलनी शव बरामद किए थे, वे हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-इस्लाम के बीच परस्पर दुश्मनी के चलते मारे गए युवकों के थे। उसी तरह से फायज की जान भी दो गुटों की लड़ाई में जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस बीच हिजबुल के सुप्रीम कमांडर सैयद सलाहुद्दीन ने लश्कर-ए-इस्लाम नाम के किसी भी आतंकवादी समूह के वजूद से इंकार किया है। कौन है फायज
सुनने में आया है कि फयाज अहमद नाम का ये आतंकी पाटन के वेलू गांव का रहने वाला था। जो बीते छह साल से ज्याकदा समय से हिजबुल के लिए काम कर रहा था। गांववालों को उसकी लाश धान के खेतों में पड़ी मिली थी और उसके शरीर पर गोलियों के निशान थे। गांववालों ने ही लाश की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।भड़की हिंसा इसी दौरान उस स्थान पर काफी स्थानीय लोग जमा हो गए। उनका आरोप था कि सेना के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप SOG के लोगों ने जानबूझ कर फायज को मारा है। ये लोग भारत विरोधी नारे भी लगा रहे थे। वहां इकठ्ठा हुए लोगों ने सीआरपीएफ और पुलिसवालों पर पत्थरबाजी भी की। चश्मदीदों ने बताया इसके बाद सुरक्षाबलों को भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
Hindi News from India News Desk