तीन आवेदक न मिलने पर नहीं हो पाई पहले चरण में ऑक्शन

286 के करीब नंबर्स की ऑक्शन के सेकेंड फेज में लगेगी बोली

Meerut. वीआईपी और फैंसी नंबर्स की ऑनलाइन ऑक्शन भले ही परिवहन विभाग के लिए मुनाफे की योजना साबित हो रही हो लेकिन इस ऑक्शन प्रक्रिया के तहत आवेदकों की पसंद के सैकड़ों नंबर फंसे हुए हैं. ऑक्शन प्रक्रिया में बोली के लिए कम से कम तीन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हैं. ऐसे में नंबर को बुक कराने वाले आवेदकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

होल्ड पर 286 से अधिक नंबर

गत माह 15 अप्रैल को मेरठ रीजन में वीआईपी और फैंसी नंबर्स की ऑक्शन प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसके तहत पहले चरण में 28 मार्च तक करीब 38 से अधिक वीआईपी नंबर्स का ऑक्शन किया गया. बाकि अन्य नंबर्स के रजिस्ट्रेशन कम होने पर नंबर्स अगले ऑक्शन के लिए होल्ड हो गए. इस ऑक्शन प्रक्रिया में यूपी 15 ईटी और यूपी 15 सीएक्स नॉन कमर्शियल सीरीज के करीब 286 से अधिक नंबर होल्ड पर हैं. इसमें अकेले नॉन कमर्शियल सीरीज के ही 167 नंबर अभी बोली के इंतजार में हैं.

पहले आओ पहले पाओ

वीआईपी नंबर्स की ऑक्शन प्रक्रिया में बोली लगाने वाले तीन आवेदकों का होना अनिवार्य है. ऐसे में अधिकतर वीआईपी नंबर्स को मात्र एक या दो आवेदकों ने ही लॉक किया है. ऐसे में तीन आवेदक न हो पाने के कारण पहली बीड में नंबर नहीं बिक सके. किसी नंबर की बुकिंग न होने पर सात दिन बाद उसकी ऑक्शन फिर शुरू होगा. इसके बाद अगले सप्ताह फिर चार दिन नंबर की बुकिंग होगी और तीन दिन बोली लगेगी. इस प्रक्रिया में सबसे अधिक बोली लगाने वाले को नंबर को एलॉट कर दिया जाएगा. इसके बाद भी नंबर नीलाम न होने पर इसे पहले आओ पहले पाओ के आधार पर तय फीस पर एलॉट कर दिया जाएगा.

तीन बार ऑक्शन का विकल्प दिया जाएगा यदि इसके बाद भी नंबर नही बिकता तो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर नंबर एलॉट कर दिया जाएगा.

सीएल निगम, आरआई

हाई सिक्योरिटी प्लेट के बिना सड़कों पर उतर रहे नए वाहन

वाहनों की सुरक्षा के लिए एक अप्रेल से प्रदेश भर में लागू की गई हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की अनिवार्यता के बाद वाहन डीलरों द्वारा बिना एचएसपी के ही वाहनों की डिलीवरी दी जा रही है. अभी तक एचएसपी प्लेट बनाने के लिए वेंडर तक अधिकृत नही किए गए हैं. ऐसे में अधिकतर शो रूम एचएसपी प्लेट के बिना ही गाडि़यों की डिलीवरी दे रहे हैं.

एजेंसी को देनी होगी प्लेट

एचएसपी के लिए कस्टमर को किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क एजेंसी को नही देना है. यह खुद एजेंसी की जिम्मेदारी है कि वह गाड़ी पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाकर दे. यह नंबर प्लेट वाहन निर्माता कंपनी की तरफ से गाड़ी की एसेसीरीज में दी जाएगी. लेकिन एजेंसी संचालकों के पास अभी तक एचएसपी बनाने की प्रक्रिया या वेंडर से अनुबंध की जानकारी नही है जिसके चलते एचएसपी की प्रक्रिया अधर में अटकी हुई है.

गाइडलाइन जारी की जा चुकी है लेकिन अभी वेंडर से अनुबंध ना हो पाने के कारण नंबर प्लेट तैयार होने में समय लग रहा है. ऐसे में जिन गाडि़यों की गत माह की बुकिंग थी उनकी डिलीवरी जारी है.

सीएल निगम, आरआई

इस सप्ताह गाड़ी की डिलीवरी ली है लेकिन डीलर की तरफ से इस प्रकार की कोई जानकारी या प्लेट नही दी गई.

विशाल शर्मा

तीन दिन पहले बाइक खरीदी थी लेकिन उस पर नार्मल नंबर प्लेट दी गई. शोरूम में इस प्रकार की कोई जानकारी नही दी जा रही है.

दीपक वर्मा

Posted By: Lekhchand Singh