RANCHI: अगर आपको वीआईपी नंबरों का शौक है और अपनी गाड़ी के लिए वीआईपी नंबर चाहते हैं, तो शुल्क के अलावा चढ़ावा चढ़ाने को तेयार रहिए। जी हां, रांची में वीआईपी नंबर लेने वाले लोग हर दिन परिवहन कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन, उन्हें वीआईपी नंबर ब्लॉक करने के बाद भी ईश्यू नहीं किया जा रहा है। लोग जब परिवहन विभाग का आदेश लेकर डीटीओ कार्यालय चालान कटाने पहुंच रहे हैं, तो पता चलता है कि उनका च्वाइस नंबर पहले से ही अलॉटेड है। यानी लॉक है। इस तरह परिवहन विभाग की वेबसाइट से खुद नंबर ब्लॉक करने वाले लोग कभी विभाग तो कभी डीटीओ ऑफिस की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन इससे हासिल कुछ नहीं हो रहा है।

क्यों हो रही परेशानी

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऐसा एनआईसी की गलती के कारण हो रहा है। एनआईसी ने पब्लिक डोमेन में डाल दिया है कि कोई भी खुद से अपना च्वाइस नंबर ब्लॉक कर सकता है। उसके बाद विभाग से परमिशन लेकर चालान कटा कर नंबर अलॉट करा सकता है। लेकिन एनआईसी द्वारा नंबर ब्लॉक कराकर डीटीओ कार्यालय को यह डिटेल्स नहीं भेजा जा रहा है। इस कारण ब्लॉक नंबर भी दोबारा अलॉट हो जा रहा है।

पहले क्या होता था

पहले ऐसा नियम था कि किसी को वीआईपी नंबर की जरूरत हो तो वह परिवहन विभाग में आवेदन देता था। वहां से परिवहन आयुक्त द्वारा आदेश दिया जाता था, उसके बाद संबंधित जिले के डीटीओ कार्यालय में जाकर चालान कटवाना पड़ता था और नंबर अलॉट हो जाता था। लेकिन, अब पहले नंबर बुक करें उसके बाद परमिशन लेने का नियम बनाया गया है, इस कारण परेशानी बढ़ गई है।

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चार बार से दौड़ रहे अशोक नगर के उपेंद्र सिंह

अशोक नगर के रहने वाले उपेंद्र सिंह बताते हैं कि मैंने 0009 नंबर खुद से ब्लॉक किया। परिवहन विभाग से आदेश भी ले लिया, लेकिन डीटीओ कार्यालय आने के बाद पता चला कि यह नंबर पहले से ही अलॉटेड है। मैं फिर से विभाग गया, लेकिन वहां कुछ नहीं बताया गया। अब मुझे समझ नहीं आ रहा है कि नंबर कैसे मिलेगा।

Posted By: Inextlive