- मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में 4 से 500 मरीज पहुंच रहे

- प्राइवेट क्लिनिक में भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे पेशेंट्स

GORAKHPUR: बारिश व उमस के बीच वायरल फीवर का आतंक बढ़ गया है। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल से लेकर शहर के प्राइवेट अस्पताल में हर जगह पेशेंट्स एडमिट हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी को बुखार, सर्दी खांसी ने मुसीबत में डाल रखा है। रोज एक से डेढ़ हजार मरीज शहर के अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। तेज बुखार के साथ ही नाक बहने, सिर, गला, बदन में दर्द व सर्दी खांसी से पीडि़त लोगों के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला जारी है। डॉक्टर की सलाह है कि कुछ सावधानी से वायरल से बचा जा सकता है।

रोज बढ़ रहे मरीज

मेडिकल कॉलेज हो या जिला अस्पताल या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल, हर जगह ऐसे मरीजों की लंबी संख्या है। बीते दो हफ्ते में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग व मेडिसीन विभाग की ओपीडी में पहुंचे कुल मरीजों मेंकरीब एक चौथाई वायरल फीवर व सर्दी खांसी के देखे गए हैं। यही हाल जिला अस्पताल व प्राइवेट हॉस्पिटलों का रहा।

उल्टी-दस्त से परेशान

बरसात में खान पान में लापारवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। अस्पताल में उल्टी-दस्त के मरीज बढ़ गए हैं। मुहल्लों में साफ-सफाई व दवाइयों के छिड़काव न होने से पनप रहे विषाणु व जीवाणु लोगों को चपेट में ले रहे हैं। 18 दिन में करीब 57 मरीज बीमारी से पीडि़त हो चुके हैं। यह संक्रमण वार्ड का रिकॉर्ड बता रहा है।

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संक्रमण से बचाव जरूरी

फिजिशियन डॉ। बीके सुमन का कहना है कि इस मौसम में कई विषाणु व जीवाणु सक्रिय हो जाते हैं। यह विषाणु वायरल फीवर के साथ हेपेटाइटिस व इंसेफेलाइटिस जैसे रोग के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में साफ-सफाई रखकर संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इन दिनों तापमान में उतार-चढ़ाव बीमारी के बढ़ने की मुख्य वजह है। जो पहले से दमा या सांस के रोगी हैं, उन्हें वायरल फीवर अधिक परेशान करता है। इस मौसम में वैसे तो सभी को सावधानी बरतनी चाहिए लेकिन सांस के मरीजों को अधिक सतर्क रहना चाहिए।

ऐसे करें बचाव

- साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखें

- खाने के पहले हाथ को साबुन से धोएं

- बाहर की वस्तुओं व दूषित खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें

- ताजा भोजन ही लें

- देर तक रखा खाना न खाएं

- सांस के मरीज अधिक सावधानी बरतें

हो जाए

- बुखार होने पर पैरासिटामाल लें

- साफ पानी खूब पिएं। पौष्टिक आहार लें

- खांसते, छींकते समय मुंह पर साफ कपड़ा रखें।

- इस तरह की बीमारी में ज्यादातर आराम करें।

रोज इतने मरीज

- मेडिकल कॉलेज- 150-200

- जिला अस्पताल- 100-150

- प्राइवेट हॉस्पिटल- 500-1000

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उल्टी दस्त से ये मोहल्ले प्रभावित

- खुनीपुर

- नखास

-अलीनगर

- इस्माइलपुर

- टीपी नगर

- निजामपुर

- छोटेकाजीपुर

- अधियारी बाग

- इस्माइलपुर

- मिर्जापुर

- बिछियां

- सिंघडि़या

Posted By: Inextlive