विराट कोहली की फिटनेस के तो सभी कायल है। अब तो पूर्व पाक क्रिकेटर वकार यूनिस भी विराट की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। वकार की मानें तो कोहली ने दुनिया भर के क्रिकेटरों के लिए एक फिटनेस स्टैंडर्ड तय कर दिया है।


नई दिल्ली (एएनआई)। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनिस ने सोमवार को भारतीय कप्तान विराट कोहली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए फिटनेस बार निर्धारित किया है। कोहली को मौजूदा जनरेशन के सबसे फिट क्रिकेटरों में से एक माना जाता है। वह एक सख्त आहार का पालन करता है और अपनी कसरत पर काफी फोकस्ड रहते हैं। यहां तक ​​कि कोरोना वायरस में लॉकडाउन लागू होने के बाद, उन्होंने एक्सरसाइज नहीं छोड़ी। विराट सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कसरत वीडियो शेयर करते रहे।कोहली की फिटनेस की प्रशंसा की
टि्वटर पर फैंस के साथ एक चैट शो में वकार ने कहा, 'विराट कोहली ने खेल और टी-20 क्रिकेट सहित आधुनिक क्रिकेट के सभी प्रारूपों को विकसित किया है, एक दिन उन्हें बहुत सूट करता है और वह टेस्ट मैचों में शानदार है। लेकिन क्रिकेट में सबसे बड़ा अंतर वह है जो दुनिया भर में देखा जाता है। यह है उनकी फिटनेस। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए दुनिया भर में फिटनेस का एक स्टैंडर्ड स्थापित कर दिया है।' पूर्व पाक गेंदबाज ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि आपको विराट कोहली के बारे में सब कुछ पसंद है। वह फिट है, वह हमेशा आपके चेहरे पर है, वह आपको साबित करना चाहता है कि वह सबसे अच्छा है, वह एक फाइटर है, इसीलिए, हम सभी उसे पसंद करते हैं।'भारत के खिलाफ क्यों नहीं जीतता पाकयूनिस ने विश्व कप खेलों और एकदिवसीय क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ विश्व कपों में, पाकिस्तान भारत के खिलाफ नहीं जीता है। हमने अन्य प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन किया, हमने टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन जब विश्व कप और एकदिवसीय क्रिकेट की बात आती है, तो भारत का हमेशा हमारे ऊपर दबाव रहा है। और वे इसके लायक हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने हमसे बेहतर क्रिकेट खेला।'अब खिलाड़ियों पर रहता है दबावयूनुस ने अपने 15 साल के शानदार करियर में 789 विकेट हासिल किए और वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आठवां सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज हैं। वकार कहते हैं, 'यदि आप 2011 में विश्व कप को देखते हैं और फिर 96 वर्ल्डकप की बात करते हैं, उस वक्त हमारा गेम में काफी कंट्रोल हुआ करता था। अब खिलाड़ी ज्यादा दबाव में रहते हैं। यह हम पर सिर्फ मनोवैज्ञानिक दबाव है कि हम वास्तव में उनके खिलाफ नहीं जीत सकते।'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari