किसी टीम के साथ पहला टेस्‍ट मैच हो या वनडे कप्‍तान कोहली को हार का समाना करना पड़ा है। बतौर कप्‍तानी ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ ये कोहली का पहला टेस्‍ट मैच था जिसमें उन्‍हें करारी हार का सामना करना पड़ा। टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले टीम इंडिया के बारे में कहा जा रहा था कि इस सीरीज को 4-0 से नहीं तो कम से कम 3-0 से जरूर जीतेगी। पुणे की पिच ने बल्‍लेबाजी हो या गेंदबाजी दोनो में ही ऑस्‍ट्रेलियन टीम का साथ दिया है।


टीम इंडिया ने की ऑस्ट्रेलियन टीम को कमजोर समझने की गलतीऑस्ट्रेलियन टीम को कमजोर आंकने की गलती करना टीम इंडिया एक मैच हारने के बाद भारी पड़ गया। कप्तान कोहली की टीम ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की ताकत का सही अंदाजा नहीं लगाया और उन्हें मुंह की खानी पड़ी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज शुरू होने के पहले विराट कोहली ने कहा था कि हम ऑस्ट्रेलिया को बाकी टीमों जैसा ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी टीम की काबिलियत पर पूरा भरोसा है। बीते दिनो में कोहली की टीम ने इंग्लैंड और बंग्लादेश को बुरी तरह हराया था। कोहली ने ऑस्ट्रेलियन टीम को भी इंग्लैंड और बांग्लादेश जैसा समझने की गलती कर दी जिसे पुणे टेस्ट में उन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा।गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनो में फीकी रहीं भारत की चमक
19 टेस्ट मैचों में अजेय रही टीम इंडिया पुणे टेस्ट में भी आत्मविश्वास से भरी थी। लेकिन ऑस्ट्रेलियन टीम ने ने महज ढाई दिन में ही टीम इंडिया को एक झटके में तोड़ दिया। स्टीव ओकीफ के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम भारत को पहली पारी में 105 रन पर समेट दिया। बल्लेबाजी में भी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान भारतीय गेंदबाजों को धुन कर रख दिया। दूसरी पारी में शतक जड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 285 रन बनाये। जीत के लिए भारत को 441 रन का लक्ष्य पूरा करना था। जो एक समय के बाद नामुमकिन नजर आने लगा। दूसरी पारी में भी ओकीफ ने शानदार गेंदबाजी की और ल्योन के साथ मिलकर टीम इंडिया को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। उन्होने कोहली को जिस अंदाज में बोल्ड किया उसे कोहली लंबे समय तक भूल नहीं पाएंगे।

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Posted By: Prabha Punj Mishra