RANCHI: रिम्स मेडिकल कॉलेज के साथ ही रिसर्च सेंटर भी है, जहां मरीजों के इलाज के साथ नई-नई बीमारियों को लेकर डॉक्टर रिसर्च भी करते हैं। इस बीच रिम्स को हाईटेक बनाने को लेकर प्रबंधन रेस हो गया है। टेक्नोलॉजी के इस दौर में अब मेडिकोज वर्चुअल क्लास में पढ़ाई करेंगे। इससे रिम्स के मेडिकोज के साथ ही झारखंड के अन्य मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेंट्स को भी फायदा मिलेगा। वहीं किसी भी डिपार्टमेंट में फैकल्टी की कमी से मेडिकोज की पढ़ाई नहीं रुकेगी।

ऑनलाइन जुड़ेगे सभी मेडिकल कॉलेज

मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाए जाने के बाद रिम्स को सभी मेडिकल कॉलेजों से ऑनलाइन जोड़ दिया जाएगा। इससे पहले रिम्स में स्मार्ट क्लास बनाई जाएगी। इसमें झारखंड के सभी पांच मेडिकल कॉलेजों के मेडिकोज वर्चुअल क्लास के जरिए किसी भी मेडिकल कॉलेज की क्लास अटेंड कर सकेंगे। चूंकि फैकल्टी की कमी होने पर उसका खामियाजा मेडिकोज को भुगतना पड़ता है। ऐसे में स्मार्ट क्लास मेडिकोज के लिए काफी फायदेमंद होगी।

फैकल्टी की कमी का नो टेंशन

वर्चुअल क्लास रूम के जरिए कॉलेजों में फैकल्टी की कमी की समस्या को बहुत हद तक दूर किया जा सकता है। इसके जरिए किसी भी एक यूनिवर्सिटी में चलने वाली क्लास को अन्य कॉलेजों से हाई स्पीड इंटरनेट व कैमरे से जोड़ दिया जाएगा। जहां से स्टूडेंट्स क्लास में बैठकर टीचर से अपने सब्जेक्ट का क्वेश्चन कर सकते हैं। इसके लिए मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

हाईटेक सुविधा से लैस स्मार्ट क्लास

राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में कैमरे लगाए जाएंगे, जहां पर स्टूडेंट्स के लिए माइक सिस्टम होगा। इसके अलावा एक इन्टरएक्टिव बोर्ड होगा। इस बोर्ड पर जो भी लिखा जाएगा, वह इस सर्विस से जुड़े सभी जगहों पर टेलीकास्ट होगा। इससे मेडिकोज एक्सप‌र्ट्स से क्लास अटेंड कर क्वेश्चन कर सकेंगे। वहीं लेक्चरर प्रोजेक्टर व इलेक्ट्रॉनिक पेन से स्टूडेंट्स के डाउट्स क्लियर करेंगे।

वर्जन

अगर कोई सीनियर प्रोफेसर रिम्स में क्लास ले रहा है तो एक समय में हर जगह प्रेजेंट नहीं हो सकता। ऐसे में वर्चुअल क्लास उनके लिए बहुत फायदेमंद होगा। वहीं स्टूडेंट्स के जो भी डाउट्स होंगे वह भी क्लियर कर सकेंगे। यह व्यवस्था का फायदा रिम्स के स्टूडेंट्स को भी मिलेगा।

डॉ। डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स

Posted By: Inextlive