इंडिया के साइबर स्पेस में एक नए तरह के वायरस का पता चला है. यह एक बार क्लिक करते ही बड़ी चतुराई से यूज करने वाले के बैंक अकाउंट की डिटेल और पासवर्ड चुरा लेता है. देश के साइबर सिक्‍योरिट से जुड़े ऑफिशियल्‍स ने इंटरनेट का यूज करने वालों को इस नए कंप्यूटर वायरस से सावधान किया है. इसे 'विन 32/रेमनिट' के नाम से जाना जा रहा है.


कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम-इंडिया (सीईआरटी-इन) ने अपनी एडवाइजरी कहा है कि रेमनिट वायरस फाइलों को संक्रमित कर लक्ष्य तंत्र (जैसे इएक्सइ या एचटीएमएल) में बदलाव करके एक नया सेक्शन बना देता है. इस माल वेयर के बारे में जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि यह फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल पासवर्ड, बैंक अकाउंट की लॉगिंग जैसी डिटले चुरा लेता है और सिस्टम से हटाए जा सकने वाले मीडिया को भी संक्रमित कर देता है, ब्रोशर की सेटिंग बदल देता है और मनमाने फाइलों को डाउनलोड करना शुरू कर देता है. यह वायरस इतना डेंजरस है कि साइबर ऑफिशियल्स कहते हैं इसमें एंटी वायरस से अपने आपको छिपा लेने की क्षमता है. इसके अलावा यह सही कंप्यूटर सिस्टम या लैपटॉप या इंटरनेट आधारित कनेक्शन जिनका यूज ईमेल या अन्य कस्टमर्स सर्विस के लिए करते हैं उन पर हमले के लिए अलग-अलग नामों का यूज कर लेता है.
सिस्टम से हटाए जा सकने वाले मीडिया के रिसाइकल बिन में खुद की कॉपी करके उसे भी संक्रमित कर  देता है. एक बार जब सिस्टम वायरस से संक्रमित हो जाता है तो यह मालवेयर अपनी पहुंच विंडो को चलाने वाली फाइलों तक बना लेता और इस तरह इसकी पहुंच कंट्रोल सर्वर तक हो जाती है. इससे बचाव के कुछ उपाय भी सुझाए गए हैं. सिस्टम का यूज करने वालों को फालतू अटैचमेंट डाउनलोड नहीं करना चाहिए. बगैर लाइसेंस वाले चोरी के सॉफ्टवेयर का यूज नहीं करना चाहिए.

Posted By: Garima Shukla