WCC: कार्लसन ने पांचवी बाजी ड्रॉ खेली, आनंद के हाथ से निकला ये भी मौका
एक छोटी सी गलती का उठाना पड़ा खामियाजा
पांच बार के विश्व चैंपियन रहे आनंद और मौजूदा कार्लसन 12 बाजियों के इस मुकाबले में आखिरकार पांच बाजियों के बाद भी सामान अंक (2.5) के साथ बराबरी पर रहे. मुकाबले में पहली, चौथी और पांचवी बाजी ड्रॉ रह गईं हैं. वहीं कार्लसन ने दूसरी और आनंद ने तीसरी बाजी में जीत हासिल की है. एक दिन विश्राम लेने के बाद सफेद मोहरों से खेल रहे आनंद एक बार फिर से अच्छी स्थिति में दिखाई दे रहे थे, लेकिन वहीं उन्होंने सुरक्षित राह पर आगे बढ़ने का रवैया अपनाकर बहुत बड़ी गलती कर दी. इसी के कारण कार्लसन बाजी ड्रॉ करने में सफल हो गए.
और ऐसे आए आनंद बेहतर स्थिति में
विश्वनाथन आनंद को तीसरी बार मुकाबले में कार्लसन से नई शुरुआत का सामना करना पड़ा है. इससे यह भी साफ हो गया था कि नार्वे का खिलाड़ी काले मोहरों से खेलते हुए अब भी अपने आप को काफी सहज महसूस नहीं कर रहा है. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि शुरू में ही कार्लसन का बोर्ड पर एक तरफा झुकाव हो गया. इससे आनंद बेहतर स्थिति में आ गए.
'कार्लसन के पास थे पर्याप्त संसाधन'
विश्वनाथन आनंद ने इस दौरान यह दिखा दिया कि वह बहुत ज्यादा तैयारी के साथ यहां आए हैं. इस दौरान उन्होंने अपने दिमागी कौशल का अच्छा नमूना प्रस्तुत किया. इस बीच अपनी चालों से दुनिया भर के शतरंज प्रेमियों को कई तरह के कयासों के साथ छोड़ दिया. आनंद ने बाद में कहा भी कि बाजी के आखिर में वह अच्छी स्थिति में थे, लेकिन मैगनस कार्लसन के पास उस समय पर्याप्त संसाधन थे.
आनंद के पास 26वीं चाल में था मौका
ऐसे में कार्लसन ने भी यह दिखा दिया कि वह हार मानने वालों में से बिल्कुल भी नहीं हैं. इतना ही नहीं खुद को जोखिम में डालने से भी वह नहीं चूकते. आनंद के पास 26वीं चाल में भी शानदार मौका था. अगर वह तब भी सही चाल चलते, तो कार्लसन की परेशानी कम होने के बजाए बढ़ती ही. खेल यहीं नहीं थमा, इसके बाद दोनों ने अपने एक-एक हाथी को भी गंवाया.
अब सफेद मोहरों से खेलना चाहते हैं कार्लसन
खेल के आखिर में जब बोर्ड पर दोनों के एक-एक हाथी और एक-एक प्यादे अभी भी बचे हुए थे, तब भी 39वीं चाल के बाद उन्होंने बाजी ड्रॉ करवाने पर सहमति जता दी. विश्वनाथन आनंद को अब अगली दो बाजियों में संभलकर चलना होगा, क्योंकि इन दोनों में कार्लसन सफेद मोहरों से खेलेंगे. ऐसे में कार्लसन का कहना है कि सफेद की बजाय काले मोहरों से मैच ड्रॉ कराना अच्छा रहता है. अब उन्हें दो बाजियां सफेद मोहरों से भी खेलनी हैं और यह बहुत महत्वपूर्ण होगा.