भारत के धुरंधर शतरंज खिलाड़ी व पूर्व विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने कल एक बार फिर अपनी खेल नीति पर बयान दिया। इस दौरान उनका कहना था कि मैदान पर चली गई उनकी हर चाल काफी महत्‍वपूर्ण होती है। इसके अलावा एक खिलाड़ी को उसकी अच्‍छाई और उसकी कमियां सभी खुद के आकलन से ही पता चल जाती हैं। इसके अलावा उन्‍हें खेल और खिलाड़ी से जुड़ी कई गहरी बातें शेयर की।


चालें सही दिशा में


दुनिया भर में मशहूर हो चुके भारत के धुरंधर शतरंज खिलाड़ी व पूर्व विश्व चैम्पियन शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद हमेशा ही छाए रहते हैं। पद्मविभूषण से सम्मानित विश्वनाथन आनंद ने कल अपने खेल और खेलने की नीति के बारे में अपने विचार साझा किए। उनका कहना था कि शतरंज के खेले में चली गई चाल ही सर्वाधिक मायने रखती है। अगर आपकी चालें सही दिशा में हैं तो आपको कोई मात नहीं दे सकता है। इसके साथ ही उन्होंने शतरंज के खेले के दौरान खेल की मूलभूत सिद्धांत का राज भी बताया। उनका कहना था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सच्चाई क्या है, फर्क इससे पड़ता है कि आप खेल के दौरान क्या चाल चलते हैं, क्योंकि खेल के दौरान आपकी शुरू में चली गई चालों से ही आपको लाभ मिलता है। उससे पहले और बाद में आपने क्या किया, आपने अब क्या जीता, ये सब मायने नहीं रखता है।बेहतर दिशा में खेल

इसके साथ ही उन्होंने एक खिलाड़ी को तैयार करने के भी कुछ रुल्स बताए। उनका कहना था कि एक खिलाड़ी की कुशलता उसकी टीम पर निर्भर करती है। टीम के माहौल से ही खिलाड़ी बेहतर दिशा में खेल सकता है। अगर टीम का माहौल अच्छा और खिलाड़ी वहां खुद को सहज महसूस करता है कि तो वह निश्चित ही अपनी खेल की दुनिया में आगे बढ़ता जाएगा। इस दौरान उन्होंने अपने बारे में स्पष्ट कहा कि वह हमेशा एक बेहतर माहौल में रखने की कोशिश करते हैं। जहां पर खुद को सहज महसूस कर सकें। इसके अलावा वह कभी अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी नहीं आने देते हैं। इसके पीछे उनका मानना है कि मैदान में आत्मविश्वास ही एक खिलाड़ी का हथियार होता है।

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Posted By: Shweta Mishra