एलजी केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक होने के बाद नजारा बेहद दुर्दांत था। यह दृश्य 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की यादों को ताजा करती हैं।

विशाखापत्तनम (पीटीआई)विशाखापत्तनम की एलजी केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक होने के बाद कई माता-पिता के अपने बच्चों को हाथों में उठाकर ले जाते हुए नजर आए। वहीं, कुछ लोग तो रिसाव के बाद सड़कों पर ही लेट गए और कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए तेजी से भागते हुए दिखे। बता दें कि महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर सांस लेने के लिए काफी संघर्ष करते हुए देखा गया, यह 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद ताजा करती है जब यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसाव के कारण लगभग 3,500 मारे गए थे और कई बीमार हो गए थे।

मदद के लिए रोने की आवाज से गूंज उठा गांव

बता दें कि केमिकल फैक्ट्री से गैस लीक होने के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित गोपालपट्टनम गांव गुरुवार सुबह मदद के लिए लोगों के रोने की आवाज से गूंज उठा। एक ग्रामीण ने बताया कि कई लोग नींद के दौरान ही बेहोश हो गए। प्रभावित लोग, जिनके चेहरे पर बड़ी-बड़ी झुरियां थीं, उन्हें ऑटोरिक्शा और दो पहिया वाहनों में अस्पतालों में ले जाया गया। विशाखापत्तनम कलेक्टर विनय चंद ने कहा कि गैस रिसाव की सूचना मिलते ही 20 एंबुलेंस को सेवा में लगाया गया। केमिकल फैक्ट्री में स्टाइरीन का रिसाव हुआ था, जो एक रसायन है और इसका उपयोग सिंथेटिक रबर और रेजिन बनाने के लिए किया जाता है। यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) को प्रभावित कर सकता है, जिससे सिरदर्द, थकान, कमजोरी और अवसाद हो सकता है।

Posted By: Mukul Kumar