सीरिया में मिलिट्री ऑपरेशन करेगा रूस, संसद ने दी इजाजत
जंग में इंगेज नहीं होगा रूसरूसी प्रेसिडेंट के ऑफिशियल हाउस क्रेमलिन एडमिनिस्ट्रेशन के मुखिया सर्जेई लेवनोव ने बताया कि पार्लियामेंट द्वारा सीरिया में आर्मी भेजने का अधिकार देने का ज्यादा मलतब नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम वहां जंग में फंसना नहीं चाहते। हम लोग एयरफोर्स से हवाई हमले कर सकते हैं। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा चुका है कि रूसी एयरफोर्स पहले से ही सीरिया में बशर के सपोर्ट में हवाई हमले कर रहे हैं। चार साल से सिविल वॉर जारी
सीरिया में बीते करीब चार साल से सिविल वॉर जारी हैं। वहां फ्री सीरियन आर्मी जैसे कई ग्रुप असद सेना के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इसके साथ ही इस्लामिक स्टेट ने भी सीरियाई के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में असद के लिए सत्ता को बचा पाना काफी मुश्किल हो रहा है। लेकिन, रूस के सीधे तौर सामने आने के बाद अब सीरिया की सिविल वॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स का हिस्सा बन गई है। अमेरिका असद का विरोधी
अमेरिका और रूस सीरिया के बहाने एक प्रॉक्सी वॉर का खेल खेल रही हैं। अमेरिका और वेस्ट के कई देश सीरिया के प्रेसिडेंट बशर अल-असद के विरोधी हैं। वह उसे सत्ता से बेदखल कर सरकार में अपने लोगों को बैठा कर प्रभुत्व हासिल करना चाहती है। वहीं, रूस असद सरकार का समर्थन कर रही है। वहीं दूसरी तरफ कहा जाता है कि अमेरिका असद के खिलाफ लड़ने वाले विद्रोहियों को हथियार, पैसा और ट्रेनिंग में मदद करता है।