रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने अचानक ये एलान करके कि वे रूसी सेनाओं को सीरिया से वापस बुला रहे हैं सारे विश्‍व को हैरान कर दिया है। रूसी अधिकारीयों का कहना है कि पुतिन का ये फैसला विश्‍व शांति के लिए यूएन के कदमों के सर्मथन में आया है।


सीरिया के राष्ट्रपति से बात करके लिया फैसला रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने सीरिया से अपनी फौज को वापस बुलाने का आदेश पारित किया है। उन्होंने यह फैसला सीरिया के राष्ट्रपति असद अल बशर से फोन पर हुई बात के बाद लिया है। बताया जा रहा है कि इस बारे में असद ने भी अपनी स्वीकृति प्रदान की है, तभी यह फैसला लिया गया है। हालाकि फैसले पर पुतिन का कहना है कि जिस उद्देश्य से सेना को वहां तैनात किया गया था, लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि हम युद्धविराम को बढ़ावा देने को हमेशा तत्पर हैं। वहीं पुतिन के इस फैसले से पूरा विश्व समुदाय हैरान है। बराक ओबामा से भी की बात


सुनने में तो ये भी आया है कि अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की है और अमरीकी राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक दोनों नेताओं ने संघर्षविराम को आगे बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की है। सीरिया में गृहयुद्ध में अब तक ढाई लाख नागरिक मारे जा चुके हैं जबकि लाखों विस्थापित हुए हैं।पूरा हुआ उद्देश्य

क्रेमलिन से जारी एक बयान में कहा गया है कि जिस मकसद से रूसी सेना को वहां पर भेजा गया था वह मकसद तकरीबन पूरा हो चुका है। लिहाजा दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के इस बारे में सहमति बनने के बाद सेना को वापस बुलाने का फैसला लिया गया है। हालांकि रूसी वायुसेना स्थिति पर निगाह बनाए रखने के लिए अभी सीरिया में पड़ाव डाले रखेगी। गौरतलब है कि सीरिया में पिछले पांच वर्षों से जारी गृहयुद्ध में 26 फरवरी को पहली बार संघर्षविराम लागू किया गया है। इसके बाद संघर्ष के प्रमुख इलाक़ों में गोलीबारी बंद है। संघर्षविराम से पहले अमेरिका ने सीरियाई सरकार और रूस को चेतावनी देते हुए उनपर निगाह रखने की बात कही थी। इस दौरान सीरियन ऑब्जर्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स हालात पर निगाह रखेगी।

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Posted By: Molly Seth