- हरिद्वार में फाय¨रग में तीन घायल, पथराव में पुलिस अधिकारी समेत 28 चोटिल

- परिवहन निगम की एसी बस को आग लगाई, कई अन्य वाहनों में तोड़फोड़

- दून में विरोध प्रदर्शनकारियों ने करवाए बाजार बंद, राष्ट्रपति, पीएम को ज्ञापन

- राज्य के बाकी जिलों में बंद का रहा आंशिक असर, छिटपुट झड़पों के बीच जुलूस-प्रदर्शन

- गढ़वाल कमीश्नर व डीआइजी ने रुड़की पहुंचे, जिले में धारा 144 लागू

देहरादून, दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान मंडे को सूबे के कई जिलों में जमकर बवाल व विरोध प्रदर्शन हुआ। अकेले हरिद्वार जिले में पूरे दिन जमकर बवाल मचा रहा। पथराव और फाय¨रग में एक पुलिस अधिकारी, एक चौकी इंचार्ज को मिलाकर 28 लोग चोटिल हो गए। रुड़की-दिल्ली हाईवे पर मंगलौर के पास सड़क किनारे खड़ी रोडवेज की एसी बस को आग लगा दी गई। वहीं जिले में कई दुकानों, मकानों के साथ ही चार दर्जन से अधिक वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इधर, राजधानी में भी संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले दून में भी जमकर सड़कों पर प्रदर्शनकारी नजर आए। हालांकि बंद का मिला-जुला असर दिखाई दिया। समाज के लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालकर बाजार बंद करवाए। हालांकि दोपहर बाद बाजार खुल गए।

दून में करवाए बाजार बंद, नोंक-झोंक

अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में उत्तराखंड के तमाम हिस्सों में जमकर विरोध प्रदर्शन और बसों पर पथराव की घटनाएं सामने आई हैं। राजधानी देहरादून में भी समाज के प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया। विरोध प्रदर्शन करने वाले पल्टन बाजार भी पहुंचे। जहां उन्होंने बाजार बंद करवाया। इस दौरान व्यापारियों के साथ नोंक-झोंक भी हुई। बाद में डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित कर मामले में ठोस कार्रवाई कि जाने की मांग की गई। दून में संघर्ष समिति में बैनर तले सभी प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर एकत्रित हुए। केंद्र सरकार से मांग की गई कि इस संशोधन को पूर्व की भंाति तत्काल रहने दिया जाए।

केंद्र सरकार पर ठोस पैरवी न करने के आरोप

संविधान बचाओ, देश बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष जगराम सिंह ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट को लेकर जो निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाया गया है, वह दलित अधिकारों के विरुद्ध है। प्रदेश संयोजक मोहन कुमार काला ने केंद्र पर आरोप लगाया कि केंद्र दलित अधिकारों की सुरक्षा के लिए ठोस पैरवी नहीं कर पाई। समिति के सदस्य कमलेश रमन ने कहा कि शीघ्र निर्णय न आने पर आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस दौरान घंटाघर पर भी सांकेतिक जाम रखा गया। इससे पहले डीएल रोड, प्रिंस चौक, सहारनपुर चौक, आढ़त बाजार, कांवली रोड, बल्लूपुर चौक आदि इलाकों में समाज के लोगों ने बाजार बंद करवाए। इस मौके पर बाबी कुमार, अमर सिंह, सुधीर सुनेहरा, टीसी भारती, अजय आकश पाल, देवेंद्र सिंह सैनी, दीपक सैलवान, पूजा, महेंद्र कुमार, सोहन कुमार आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive