- वोटिंग मशीन का बटन दबाने के बाद डिस्प्ले होगा किसको वोट दिया

- इस प्रक्रिया में लग सकता है अधिक समय

LUCKNOW: लखनऊ में इस बार वोटिंग में नया प्रयोग होने जा रहा है वीवीपैट का। यह प्रयोग लखनऊ के अलावा म् और शहरों में किया जाएगा। फ्0 अप्रैल को होने वाले इलेक्शन में वीवीपैट का यूज पहली बार किया जाएगा।

गिर सकता है परसेंटेज

नयी तकनीक लखनऊ में वोटिंग परसेंटेज डाउन कर सकती है। हालांकि पिछले लोकसभा इलेक्शन में भी लखनऊ में वोटिंग परसेंटेज काफी लो था जब लखनऊ में सिर्फ फ्भ्.फ्भ् परसेंटेज वोटिंग हुई थी। पहले फेज में हुए चुनाव में म्भ् परसेंट से अधिक वोटिंग हुई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि लखनऊ में भी वोटिंग परसेंटेज बढ़ेगा।

धीमी रह सकती है वोटिंग की रफ्तार

वीवीपैट राजधानी में वोट डालने की रफ्तार पर असर डालेगी। एक वोटर को अपना वोट करने में तीन से चार मिनट का समय लग सकता है। राजधानी के क्800 से अधिक पोलिंग बूथ पर वीवीपैट बेस्ड इवीएम होगी। यानी आप जब वोट करेंगे तो आपके सामने वोटिंग की रसीद भी होगी। जिसे सिर्फ देखा जा सकता है। यानी वोट करने के बाद जब तक आपके सामने वीवीपैट का डिस्पले नहीं आ जाता आप बूथ नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में इस वीवीपैट के चक्कर में थोड़ा बहुत समय एक्स्ट्रा लगना स्वाभाविक है।

शुरू हो गयी ट्रेनिंग

चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों की ट्रेनिंग मंगलवार से शुरू हो गई है। वीवीपैट के लिए खास ट्रेनिंग भी दी जाएगी। हर बूथ पर वीवीपैट प्रभारी की तैनाती की जाएगी। राजधानी में इलेक्शन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए साढ़े तीन हजार से अधिक कर्मियों को लगाया जाएगा। इवीएम मशीनों का रैंडमाइजेशन सुबह क्क् बजे से कलेक्ट्रेट में होगा।

क्या है वीवीपैट

इस बार लखनऊ में जो वोटिंग मशीन लगाई जायेंगी उसमें एक डिस्प्ले बोर्ड होगा। जिसमें वोटिंग के बाद आपने किसी पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया उसका नाम दिखाई देगा। जिससे आप निश्चिंत हो सकते हैं कि आपने जिस प्रत्याशी को वोट दिया है उसको ही मशीन ने रजिस्टर्ड किया है। इससे इस आशंका पर भी विराम लगेगा कि बटन किसी का दबाया और वोट किसी और को पड़ गया।

Posted By: Inextlive