RANCHI : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में वाहनों पर लाल व नीली बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। केवल एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड और पीसीआर वैन को इससे छूट दी गयी है। श्री दास ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीआइपी कल्चर को समाप्त करने के प्रयास का समर्थन करते हुए यह कदम उठाया गया है।

जारी हुई अधिसूचना

राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने इस बाबत आधिकारिक अधिसूचना गुरुवार की रात जारी कर दी। केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली, 1989 के नियम-108 के आलोक में व्यक्तियों/पदाधिकारियों को ले जा रहे सरकारी वाहनों के ऊपर व आगे लाल व नीली के प्रयोग के अधिकार को निरस्त करते हुए सभी सरकारी वाहनों से रंगीन बत्ती को हटाने का आदेश दिया है।

कई ने हटाई लाल बत्ती

गुरुवार को भी कई मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा खुद लाल बत्ती हटाने का सिलसिला जारी रहा। मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, राज्य बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने अपनी गाडि़यों से वीआइपी लाइट्स हटा दीं।

झारखंड चैंबर ने किया स्वागत

केंद्र सरकार द्वारा एक मई से गाडि़यों से लाल बत्ती हटाने के फैसले का झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने स्वागत किया है। चेंबर सदस्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री के आदेश के बाद एक मई से किसी भी गाड़ी में अब लाल बत्ती नहीं दिखेगी, यह देश में वीआइपी कल्चर खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है। अब सभी गाडि़यां एक समान दिखेंगी। इस ऐतिहासिक निर्णय से देशवासियों के बीच एक सकारात्मक संदेश गया है तथा इसके सार्थक परिणाम आएंगे। चेंबर उपाध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि एंबुलेंस, फायर सर्विस जैसी आपात सेवाओं तथा पुलिस व सेना के अधिकारियों के वाहनों पर ही नीली बत्ती लगाना बेहतर है। मंत्रीगणों के वाहनों से लाल बत्ती हटाने का फैसला स्वागतयोग्य है।

500 से भी ज्यादा लोग करते हैं इस्तेमाल

झारखंड देश का पहला राज्य बना है जहां किसी भी तरह की बत्ती लगाने को प्रतिबंधित किया गया है। गौरतलब है कि राज्य में 500 से अधिक मंत्री, सांसद, विधायक, बोर्ड निगम के चेयरमैन और आइएएस-आइपीएस लाल और नीली बत्ती का प्रयोग करते हैं।

लोकायुक्त ने अपनी कार से हटाई लालबत्ती

लालबत्ती कल्चर खत्म करने को केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय का असर झारखंड में भी सराहा जा रहा है। इसी कड़ी में लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने भी अपनी सरकारी कार पर लगी लाल बत्ती को हटवा दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास, संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय और नगर विकास मंत्री सीपी सिंह शुरू से ही लालबत्ती का उपयोग नहीं कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive