संगीत की दुनिया में पंजाबी सूफी गीतों की पहचान कहे जाने वाले वडाली ब्रदर्स अब एक साथ नहीं हैं। उस्ताद पूरनचंद वडाली के छोटे भाई प्यारेलाल वडाली का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। दोनों भाईयों की जोडी़ अब साथ में कभी सुर नहीं बिखेर पाएगी। इस मौके पर जानिए प्यारेलाल वडाली के जीवन से जुडी़ कुछ अनसुनी बातें।

अपीयरेंस की वजह से नहीं कर पाए परफॉर्म
वडाली ब्रदर्स में बडे़ भाई पूरनचंद ने तो पहलवानी भी की है और अपने छोटे भाई के गुरु भी रहे हैं। दरअसल पूरनचंद ने छोटे भाई प्यारेलाल को संगीत सिखाया और उनके गुरु बन गए। दोनों भाईयों में संगीत प्रेम कूट कूट कर भरा है। पहली बार दोनों संगीतकार भाई जब अपने गांव के बाहर जलंधर के हरबल्लब टेंपल में अपने गानों की प्रस्तुति देने पहुंचे तो वहां उन्हें कुछ भी पेश करने से मना कर दिया गया। मना करने की वजह सिर्फ ये थी कि उन दोनों भाईयों का अपीयरेंस लोगों को पसंद नहीं आया।

डिस्कवरी बनाएगा इनकी डॉक्यूमेंट्री

इन दोनों भाईयों का न सिर्फ बॉलीवुड से बल्कि विदेशों में किए गए शोज से भी काफी गहरा नाता रहा है। वडाली ब्रदर्स ने एक साथ कई बॉलीवुड प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं। फिल्म पिंजर, धूप, तनु वेड्स मनु और मौसम में अपनी आवाजों में संगीत दिए हैं। बॉलीवुड दोनों भाईयों के इस योगदान को कभी नहीं भुला पाएगा। इस वजह से डिस्कवरी चैनल उनके ऊपर डॉक्यूमेंट्री बनाने का प्लान कर रहा है।

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शिष्यों ने नहीं लेते थे फीस
वडाली बंधु के बारे में कहा जाता है कि वो बेसिक तालीम के लिए कभी स्कूल नहीं गए। आप दोनों भाई अपने पुश्तैनी मकान 'गुरु की वडाली' में रहा करते थे और यहीं पर अपने शिष्यों को संगीत की शिक्षा दिया करते थे। सबसे खास बात यह है कि वडाली बंधुओं ने संगीत की शिक्षा देने के लिए कभी फीस नहीं ली। उनकी यही खासियत तो उन्हें सबसे निराला बनाती है।

Posted By: Vandana Sharma