- कुपोषण की हकीकत जानने को चल रहा कार्यक्रम

- जिले में सिर्फ 952 बच्चों का हुआ है रजिस्ट्रेशन

GORAKHPUR कुपोषित बच्चों की तलाश में वजन दिवस का पहला दिन फ्लॉप शो रहा। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर वजन दिवस का विरोध जा रही आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं ने काली पट्टी बांधकर काम किया। वजन दिवस को लेकर अफसरों ने रुचि नहीं दिखाई। खराब मशीनों के सहारे वजन मापने में प्रॉब्लम आई।

जिले में महज 952 बच्चे कुपोषित

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 4032 आंगनबाड़ी केंद्रों पर साढ़े पांच लाख बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। इनमें से महज 952 बच्चों को कुपोषण का शिकार बताया गया है जबकि यह आंकड़ा कम से कम 55 हजार होना चाहिए। जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या कम होने से सही आंकड़े की जांच के लिए वजन दिवस मनाया जा रहा है।

अनुमान से माप रहे वजन, मशीनों पर नहीं भरोसा

जिले में बच्चों के वजन में काफी गड़बड़ी है। आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकत्री और सहायिकाओं का कहना है कि कुपोषण और अतिकुपोषण की पहचान करने वाली मशीनें खराब होती है। इससे वजन करने में प्रॉब्लम आती है। मशीन से एक बच्चे का वजन दो बार मापने पर अलग- अलग आता है। वजन में गड़बड़ी की जिम्मेदारी मशीनों पर थोपकर कार्यकत्री और सहायिकाएं पल्ला झाड़ ले रही है। हालांकि हर केंद्र पर मशीन खरीदने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार रुपए का बजट जारी किया है।

सभी केंद्रों पर निगरानी के लिए ड्यूटी लगाई गई है। वजन माप में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कुमार प्रशांत, सीडीओ

Posted By: Inextlive