Patna : कहां पता था कि मंगलवार की रात उनलोगों के लिए अंतिम रात होगी. वे चारों सदा के लिए सो रहे हैं. कल का सूरज नहीं देख पाएंगे. घर में बच्चों के मामा आए हुए थे. सो हर कोई खुश था. स्पेशल फूड आयटम्स बनाए गए थे. बातचीत के कारण देर रात उनलोगों की आंखें लगी थीं.

देर रात दीवार गिर पड़ी
सभी एक ही रूम में सोए हुए थे। मिट्टी की दीवार उनलोगों के लिए काल बन गई। देर रात दीवार गिर पड़ी। उसके मलबे में अतीश पासवान की वाइफ व चार बच्चे दब गए। किसी तरह तीन वर्ष की मासूम बच्ची को तो बचा लिया गया, लेकिन सुमित्रा व उनके तीनों बेटों को नहीं बचाया जा सका। वाइफ सुमित्रा प्रेग्नेंट थीं तथा नेक्स्ट मंथ डिलीवरी होने वाली थी। एक साथ चार लोगों की मौत से पूरा शहर सन्न रह गया।
आधी रात की घटना
अतीश पासवान ने बताया कि घर में उनका साला मंटू आया हुआ था। सो, वाइफ सुमित्रा ने अंडा-रोटी बनाई थी। एक चौकी पर सुमित्रा चारों बच्चों को लेकर सोई थी और चौकी के पूरब की ओर साला-बहनोई जमीन पर ही सो गए थे। अचानक मिडनाइट लगभग साढ़े 12 बजे उत्तर की ओर की दीवार गिर गई। उनलोगों की चीख-पुकार पर पड़ोस के लोग दौड़े। मलबा हटाने पर एकमात्र तीन साल की बेटी सोनाली को बचाया जा सका। मलबा में दबने से वाइफ सुमित्रा, बड़े बेटे 10 वर्ष के धीरज, 8 वर्ष के बजरंगी उर्फ नीरज एवं दो वर्ष के गोलू की मौत हो गई। सूचना पाकर चौक थाना के एसएचओ पुष्कर कुमार सदल-बल पहुंचे। रात भर पुलिस वहां रही। वहीं काउंसलर मुन्ना जायसवाल ने भी पीडि़त परिवार को खासा मदद की।

पत्नी ने जताई थी आशंका
जिस मकान में अतीश रहता है, वह कच्चा है। मिट्टी की मोटी दीवार है। यह मकान दलहट्टा निवासी अरुण यादव का है। दो दिन पहले उत्तर साइड की दीवार का कुछ हिस्सा गिरा था। तब पत्नी सुमित्रा ने कहा था कि इसकी रिपेयरिंग करा दें। ऐसा न हो कि दीवार लेकर बैठ जाए? मगर उस ओर अतीश का ध्यान नहीं गया और जिसकी आशंका थी, वही हुआ। दीवार ने पत्नी समेत तीनों बेटों को मौत के मुंह में पहुंचा दिया।

10 मिनट तक चिल्लाते रहे बच्चे
घटना में इंजर्ड मंटू को किसी को नहीं बचाने का काफी मलाल है। मलबे में उनका पैर भी फंस गया था। बच्चे बचाने के लिए चिल्ला रहे थे। मगर वह चाह कर भी उन्हें नहीं बचा सका। मंटू ने बताया कि घटना के बाद करीब दस मिनट तक दीदी व बच्चे चिल्लाते रहे, मगर कोई बचाव में नहीं आया। दरअसल, कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहा था।

प्रेग्नेंट थीं सुमित्रा
अतीश पासवान की सास लखी देवी एनएमसी के पोस्टमार्टम रूप के कैंपस में दहाड़ मारकर रो रही थी। उसकी बेटी के साथ ही उसके तीनों नाती को भगवान ने छीन लिया। पास में रही एक महिला ने कहा कि भगवान को बचाना ही था, तो एक बेटा को भी बचा देते। मालूम हो कि घटना में सिर्फ तीन साल की सोनाली बची है। उसके पैर चोट की वजह से फूल गए हैं। लखी देवी कहती हैं कि सुमित्रा प्रेग्नेंट थीं और अगले ही माह डिलीवरी होने वाली थी।

Posted By: Inextlive