- फाइलों से बाहर आयी कैटल कालोनी, शहर से बाहर होंगे पशु

-दो पशुपालकों का प्लाट आवंटित, अब तक 85 ने कराया रजिस्ट्रेशन

अगर आप शहर में घुमंतू पशुओं से परेशान हो चुके हैं तो अब आपकी यह दिक्कत खत्म होने वाली है. क्योंकि शहर में पशुपालन करने वालों के खिलाफ नगर निगम ने एक्शन दिखाना शुरु कर दिया है. लंबे समय से फाइलों में उलझी कैटल कालोनी अब धरातल पर आ गई है. कैटल कालोनी के तहत वाराणसी विकास प्राधिकरण में प्लाट के लिए पंजीयन शुरू हो गया है. योजना के तहत अब तक दो पशुपालकों ने प्लाट भी आवंटित करा लिया है जबकि 85 पशुपालकों ने अब तक रजिस्ट्रेशन कराया है.

दो स्थानों पर कैटल कालोनी

प्रस्तावित योजना के तहत चोलापुर में दो स्थानों पर कैटल कालोनी बसाई जा रही है. जिसमें एक चोलापुर बाजार के समीप है तो दूसरा पास के ही गांव छित्तनपुर में बसाई जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक चोलापुर में बसाए जा रहे कालोनी में 54 प्लाट है, जबकि छित्तनपुर में 76 प्लाट है. इस कैटल कालोनी में पशुओं के रहने की मुकम्मल व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही यहां ड्रेनेज सिस्टम भी बनाया जाएगा. पशुओं का चारा रखने के लिए भी अलग स्थान होगा. पशुओं के साथ ही पशुपालकों के लिए भी पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था होगी. आवंटन के साथ ही सुविधाएं प्रदान कर दी जाएंगी.

घटा रेट तो दिखाई दिलचस्पी

वीडीए की ओर से पशुपालक को 90 वर्ष के लिए लीज पर प्लाट दिया जा रहा है. इसके लिए प्रति वर्ग मीटर 9000 की दर सुनिश्चित की गई थी, लेकिन पशुपालकों की ओर से कोई रुचि नहीं दिखाने पर रेट घटाया गया. वर्तमान में पशुपालकों को प्रति वर्ग मीटर 4500 रुपये अदा करना पड़ रहा है. इसमें रजिस्ट्रेशन शुल्क के तौर पर 5000 रुपये भुगतान करना होगा. वीडीए ने एक प्लाट का क्षेत्रफल 95 से लेकर 110 वर्ग मीटर रखा है.

कालोनी में ही होगा पशु अस्पताल

पहले के बने प्लान के तहत कैटल कालोनी में पशु अस्पताल भी बनाया जाएगा. ताकि पशुओं के बीमार होने पर उन्हें शहर लाने की परेशानी न झेलनी पड़े. अस्पताल में पशुओं के इलाज के अलावा पशु गर्भधारण की व्यवस्था भी होगी. पशुपालकों का इनकम बढ़ाने के लिए कार्यशाला भी कराई जाएगी जिसके लिए एक बड़े हाल का निर्माण भी कराया जाएगा.

पशुपालकों पर जुर्माना

कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने पशुपालकों पर सख्त रवैया अपना लिया है. अब शहर में पशुपालन करने वालों पर लगाम लगाने के साथ जुर्माना भी लगाया जा रहा है. इन पर अब तक करीब 42 हजार रुपये जुर्माना लगाए जा चुके हैं. इसके अलावा कई पशुपालकों पर एफआईआर कराया जा रहा है. यह कार्रवाई जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से भी की जा रही है.

पशुपालकों को कैटल कालोनी में प्लाट आवंटन कराना होगा या शहरी सीमा के बाहर खुद का इंतजाम कर पशुपालन करना होगा. कैटल कालोनी में आवंटन हो रहा है.'

अजय कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त

Posted By: Vivek Srivastava