Jamshedpur: कलर्स से इनका कोई वास्ता नहीं लेकिन हौसला इतना बुलंद है कि दूसरों की जिंदगी में रंग भर रहे हैं. दूसरों के लिए बोझ नहीं सहारा बन रहे हैं. उन्हें भी अपने दम पर जीना सिखा रहे हैं. इसीलिए तो हैं सबसे स्पेशल.

खुद बनायी अपनी राह
विजय कुमार रजत के लिए म्यूजिक सिर्फ इनका शौक ही नहीं, बल्कि प्रोफेशन भी है। इन्हें सुर-ताल की अच्छी समझ है। लोगों को म्यूजिक की ट्रेनिंग देते हैं और इससे होने वाली इनकम से अपनी फैमिली की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
दे रहे कंप्यूटर की नॉलेज
ऐसी ही हैं प्रीत पाल सिंह। वे भी विजय की तरह स्पेशल मैन हैं। पेशे से ये एक कंप्यूटर टीचर हैं। ब्रेल स्क्रिप्ट और कंप्यूटर पढ़ाने वाले इस टीचर का कहना है कि वे डिसएबल हैं, पर डिसक्वालिफाइड नहीं। उन्होंने बताया कि शुरुआत में सब कुछ इतना आसान नहीं था। राह में कई मुश्किलें आयीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। हालात का सामना किया और आज हर मंथ करीब 7 हजार रुपए अर्न कर रहे हैं।
म्यूजिक को बनाया प्रोफेशन
मां के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं। ये कहना है जयदेव का। उन्होंने बताया हर कदम पर मां ने हमेशा साथ दिया। वे उन अपने जैसे उन सभी के लिए कुछ करना चाहते हैं जो उन्हें लाचार समझते हैं। आज वे अपने कदमों पर खड़े हैं। जयदेव ने भी हॉबी को ही अपना फ्रोफेशन बनाया और आज एक म्यूजिक टीचर हैं। बच्चों को सिंथेसाइजर सिखाते हैं और करीब हर महीने पांच हजार रुपए अर्न कर
लेते हैं।
दिया गया सम्मान
सिटी के सोशल और कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन रिदम के आर्टिस्ट्स ने कोलकाता में लास्ट वीक एक कल्चरल प्रोग्राम प्रेजेंट किया था। स्टूडेंट्स के एक्सीलेंस को देखते हुये संडे को बिष्टुपुर में इन्हें सम्मानित किया गया। रिदम के ऑनररी सेक्रेटरी विवेकानंद डे ने बताया कि उनके यहां नॉर्मल और स्पेशल स्टूडेंटस को म्यूजिक की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने कहा कि किसी तरह का फाइनेंसियल सपोर्ट नहीं मिल पाने की वजह से उन्हें ऑर्गेनाइजेशन चलाने में काफी प्रॉब्लम होती है।


स्पेशल लोगों को सेल्फ डिपेंडेंट बनाने के लिए संस्था में कई प्रोग्राम चलाए जाते हैं। कुछ म्यूजिकल इंस्ट्रयूमेंट्स की ट्रेनिंग लेकर इसे  प्रोफेशन को अपना रहे हैं।
-विवेकानंद डे सेक्रेटरी, रिदम

report by- jamshedpur@inext.co.in

Posted By: Inextlive