बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद का सगा भाई है, रह चुका है विधायक

तत्कालीन विधायक राजू पाल मर्डर केस में सीबीआई को भी थी तलाश

PRAYAGRAJ बसपा के तत्कालीन विधायक राजू पाल की सरेआम दिनदहाड़े हत्या समेत दो दर्जन से अधिक मुकदमों में नामजद खालिद अजीम उर्फ अशरफ को शुक्रवार की भोर में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तीन साल से फरार चल रहे अशरफ पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख किये जाने को लेकर फाइल शासन तक पहुंच चुकी थी। लॉकडाउन के बाद ही पुलिस उसके पीछे लगी थी लेकिन कामयाबी मिली पुराने कप्तान के जाने के बाद। आधी रात के बाद शहर के आधा दर्जन थानेदारों को पुलिस लाइंस बुलाया गया तब किसी को पता नहीं था कि क्या होने जा रहा है। पुलिस लाइंस से काफिला निकला तो भी 'मिस्ट्री' कायम थी। कामयाबी मिल गयी तो सबके चेहरे खिल उठे।

दिल दहलाने वाला था राजू पाल हत्याकांड

बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के सगे भाई अशरफ का नाम जरायम जगत में 2004 में उछला था। इसी साल प्रयागराज का सबसे नृशंस और दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया था। तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल को सरेआम दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया गया था। धूमनगंज एरिया से लेकर सिविल लाइंस तक अपराधियों ने तांडव किया। इस हत्याकांड में अतीक और अशरफ का नाम सामने आया था। बेसिकली राजू पाल ने अतीक अहमद को विधानसभा चुनाव में शिकस्त दी थी। राजू पाल खुद अतीक के संरक्षण में पले-बढ़े थे। आरोप लगा कि राजू पाल का अतीक के बराबर खड़ा होने की कोशिश का ही नतीजा यह हत्याकांड था।

सीबीआई तक ने की थी कोशिश

राजू पाल की हत्या के बाद अशरफ ने शहर पश्चिमी विधानसभा से ही चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। राजू पाल हत्याकांड की फाइल थाने से तमाम जगहों पर विवेचना के नाम पर घूमती रही। इस मामले में राजू की पत्‍‌नी पूजा पाल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगायी तो सीबीआई जांच का आदेश हो गया। इस मुकदमे को हाथ में लेने के बाद सीबीआई ने भी अशरफ की तलाश में तमाम कोशिशें की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। यह जांच अब भी पेंडिंग बतायी जाती है।

सटीक सूचना पर भोर में पड़ी दबिश

अशरफ की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस कई माह से प्रयासरत थी। लाख कोशिशों के बावजूद पुलिस सफलता से काफी दूर थी। कई मर्तबा उसके घर से लेकर ससुराल तक की गई छापेमारी की गई, लेकिन कोई भी दांव काम नहीं आया। कुछ दिन पूर्व अशरफ की गिरफ्तारी को लेकर एसएसपी द्वारा मीटिंग की गई। इसके क्राइम रिकॉर्ड और पूरी फाइल को देखने के बाद उन्होंने हर हाल में गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इसके बाद थाना पुलिस के साथ विभाग की एसओजी व सर्विलांस सहित क्राइम ब्रांच की टीम पूरी ताकत झोंक दी। गुरुवार को सर्विलांस व एसओजी प्रभारी एवं शाहगंज थानाध्यक्ष बृजेश सिंह अशरफ के ससुराल में होने की सटीक खबर मिली। उन्होंने सूचना अफसरों को दी। तत्काल दो टीमें बनाकर उसकी ससुराल हटवा में छापेमारी कर दी गई।

एसपी सिटी के नेतृत्व में पहुंची टीम

एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह के नेतृत्व में सीओ द्वितीय बृजनारायण सिंह सहित थानाध्यक्ष शाहगंज, खुल्दाबाद धूमनगंज सहित कई थानों की फोर्स के साथ पहुंचे अफसरों को देर रात देख गांव के लोग सन्नाटे में आ गए। पूछताछ में पता चला कि वह भोर में जमीन का सौदा करने शिवाला मार्केट रिश्तेदार के घर गया है। भोर करीब चार बजे पुलिस शिवाला निवासी रिश्तेदार मो। इमरान अहमद के घर पहुंच गई। आईजी कविंद्र प्रताप सिंह व एसएसपी ने संयुक्त रूप से बताया कि पुलिस टीम देख अशरफ पीछे के दरवाजे से भागने लगा। टीम ने दौड़ाकर उसे दबोच लिया।

बरामदगी

एक पिस्टल

छह कारतूस

दो निर्वाचन आयोग की आईडी

ड्राइविंग लाइसेंस

पैन कार्ड

8490 रुपये

फॉच्र्यूनर गाड़ी

मुकदमों की लंबी लिस्ट

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक अशरफ के खिलाफ विभिन्न थानों में कुल 33 मुकदमे हैं।

मुट्टीगंज, जार्जटाउन, कर्नलगंज, कोतवाली करेली व कौशांबी के पूरामुफ्ती में है एक-एक मुकदमा

सिविल लाइंस थाने में पांच, खुल्दाबाद में छह, शाहगंज चार और धूमनगंज थाने में आठ मुकदमे दर्ज हैं।

चंदौली और ऊंचाहार में भी अशरफ पर एक-एक मुकदमा है।

वर्तमान में अशरफ को चार मुकदमो में वांछित बताया गया है

टीम के ज्वाइंट एफर्ट से अशरफ की गिरफ्तारी संभव हुई है। गिरफ्तार करने वाली टीम का कार्य सराहनीय रहा। इस टीम के सदस्यों को पुरस्कृत किया जायेगा।

-अभिषेक दीक्षित,

एसएसपी प्रयागराज

Posted By: Inextlive