-पीडीएफ ने संगठन व सीएम से सरकार चलाने पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा

-संगठन की पीडीएफ कोटे के मंत्रियों को नसीहत

-जिस डाल पर बैठे हैं, उसको काटने के बजाए जिम्मेदारियों का करें निर्वहन

DEHRADUN: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस व पीडीएफ की साढ़े चार साल से अधिक समय की पुरानी दोस्ती में दरार बढ़ती जा रही है। पीडीएफ व कांग्रेस की तरफ से तल्ख तेवरों के साथ बयानों की बौछारें जारी है। अब तो पीडीएफ ने भी साफ कर दिया है कांग्रेस व सीएम तय करे कि वे सरकार चाहते हैं या नहीं। वहीं कांग्रेस ने भी सरकार में शामिल पीडीएफ के मंत्रियों को सलाह दी है कि कांग्रेस संगठन पर बयानबाजियों के बजाए वे अपने मंत्रालयों की समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान दें।

दोतरफा तल्ख हुए तेवर

सरकार में शामिल पीडीएफ के सदस्यों व कांग्रेस संगठन की लड़ाई आमने-सामने आ गई है। इसकी वजह भी साफ है। पीडीएफ के सदस्यों को हाल में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान खासी तरजीह दी। संगठन को शक है कि टिहरी से पीडीएफ कोटे से मंत्री दिनेश धनै व धनौल्टी से प्रीतम को टिकट न मिल जाए। जबकि कांग्रेस टिहरी से पीसीसी चीफ किशोर व धनौल्टी से उपाध्यक्ष जोत सिंह उम्मीदवार बनाना चाह रही है। चरम पर पहुंची लड़ाई का कारण यही बताया जा रहा है। हाल में धनै ने तो विकास कार्यो में कांग्रेस संगठन की दखलंदाजी तक का आरोप लगाया। जबकि वे कुछ दिनों पहले तीन दिनों तक सीएम आवास पर मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी देते रहे। सूत्र बताते हैं कि वे सीएम से चाहते हैं कि टिहरी सीट पर उनके नाम की घोषण्ा हो।

बयान पर पीडीएफ नाराज

अब जब पीपीसी चीफ किशोर का पीडीएफ के चक्कर में कांग्रेस को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा, बयान आया तो पीडीएफ सदस्यों का गुस्सा बेकाबू हो गया। बताया जा रहा है कि धनै ने सारी सरकारी सुविधाएं वापस करने का ऐलान कर दिया है। वहीं, प्रीतम सिंह पंवार ने भी दो टूक कांग्रेस व सीएम से सरकार चलाने के लिए रुख स्पष्ट करने को कहा है। इधर, गुरुवार को संगठन ने भी जारी बयान में स्पष्ट कह दिया कि पीडीएफ को कंाग्रेस ने सरकार बनाने के लिए दिये गये समर्थन के बदले पूरा सम्मान दिया। वे राजनैतिक लाभ भी ले रहे हैं। मुख्य प्रवक्ता एमडी जोशी ने तो यहां तक कह दिया कि पीडीएफ के मंत्री जिस डाल पर बैठे हैं, उसको काटने की बजाय उन्हें दी गई जिम्मेदारी का निर्वहन करते तो इसका लाभ सूबे को मिलता। पीडीएफ अध्यक्ष मंत्री प्रसाद नैथानी के पास जो विभाग हैं, उनकी सबसे ज्यादा हालत खराब है। शिक्षक सड़कों पर हैं।

कांग्रेस संगठन व सीएम स्पष्ट करे दें कि वे सरकार चलाना चाहते हैं या नहीं। पीडीएफ ने तो पहले से ही स्पष्ट किया हुआ है। कांग्रेस को अब अपना रुख साफ कर देना चाहिए।

प्रीतम सिंह पंवार, पीडीएफ सदस्य व कैिबनेट मंत्री

कोई नाराज नहीं है, जो हमारे साथ आ जाते हैं, वे खुश हो जाते हैं। इसके बाद भी कहीं कोई नाराजगी होगी तो उसको मिलकर बैठकर दूर करने की कोशिश की जाएगी।

हरीश रावत, सीएम।

सिस्टम को सुधारने की जरुरत है। हम तो शुरू से ही कह रहे हैं कि समय पर राज्य में विकास कार्य होने चाहिए। जिसकी कमी साफ दिख रही है।

दिनेश धनै, पीडीएफ सदस्य व काबिना मंत्री।

पीडीएफ के मंत्रियों को सलाह है कि वे कंागे्रस संगठन पर बयानबाजी के बजाए अपने मंत्रालय की समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान दें। कंाग्रेस ने सरकार बनाने को समर्थन के बदले पूरा सम्मान दिया है। जिसका वे पूरा लाभ भी ले रहे हैं।

एमडी जोशी, मुख्य प्रवक्ता पीसीसी।

Posted By: Inextlive