- कटरी और कलारी में कम हुए गैंगस्टर

- महिला अपराध में दिन-ब-दिन हुआ इजाफा

29 थाने हैं डिस्ट्रिक्ट में हैं

10 थाने शहर में हैं

19 थाने रूरल एरिया में हैं

72 पुलिस चौकी हैं डिस्ट्रिक्ट में

41 चौकी हैं शहर में

38 पीआरवी हैं डिस्ट्रिक्ट में

स्मार्ट हुई पुलिस तो कम हुआ क्राइम

-ऑनलाइन एफआईआर

-112 डायल सेवा की शुरुआत

-हर थाने में साइबर सेल यूनिट बनी

-त्रिनेत्र एप लॉच किया गया

-303 राइफल का यूज हुआ बंद

-पुलिस को मिले आधुनिक हथियार

बरेली: एक दशक पहले रामगंगा नदी किनारे फैला कटरी और कलारी बदमाशों का वो इलाका जहां जरायम की दुनिया से जुड़े लोगों का काफी बोलबाला था। दिन दहाड़े बदमाश लूट, अपहरण, रोड होल्डअप की वारदातों को अंजाम देते थे। कटरी और कलारी के बदमाशों के गैंग की दहशत बरेली के साथ आसपास के जिलों में भी थी। इसके बाद पुलिस ने बदमाशों के वारदात को अंजाम देने का तरीका और उनके गैंग की पहचान करनी शुरु कर दी। फिर क्राइम ब्रांच, सर्विलांस, एसओजी, एसटीएफ टीमों ने बदमाशों के ठिकानों पर दबिश देकर उन्हें सलाखों के पीछे कर दिया और कई बदमाश एनकाउंटर में मार गिराए गए। पुलिस की बढ़ी सख्ती ने बदमाशों की कमर तोड़ दी। इससे लूट, डकैती और अपहरण के मामलों में तो कमी आई, लेकिन पिछले सालों में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, वहीं वाहन चोरी का ग्राफ भी बढ़ा है।

चार साल में इतने हुए अपराध

साल डकैती लूट अपहरण रोडहोल्ड अप सामने आए गैंग

2016 15 67 - - 04

2017 16 91 01 - 14

2018 04 70 - - 19

2019 08 47 - - 14

टोटल 38 275 01 - 56

सड़कों पर घटनाओं देते थे अंजाम

एक दशक पहले बदमाशों ने पुलिस की नाक में दम कर दिया है। शाम ढ़लते ही लोग बदायूं रोड़, दिल्ली हाइवे, मिनीबाईपास की तरफ रुख नहीं करते थे। लोगों में इतनी दशहत थी कि अकेले जाने की बजाए लोग गु्रप बनाकर निकलते थे। जब पुलिस ने बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराना शुरु किया तो उसके बाद लोगों का विश्वास पुलिस पर बढ़ने लगा। धीरे-धीरे बदमाश भी एनकाउंटर के भय से जिला बदर होते चले गए। इसके बाद पब्लिक को हिफाजत के लिए पुलिस का पहरा सख्त होता चला गया। यही वजह रही कि पुलिस का सायरन सुनकर बदमाश खिसक जाते थे।

महिला अपराध बढ़ा

पुलिस चार साल के अपराधों की समीक्षा कर अपने काम की तुलना कर रही है। किस तरह के अपराधों में कमी आई है और कौन से अपराधों का ग्राफ बढ़ा है, इसकी वजह क्या रही इस पर नए साल में कार्ययोजना बनाई जा रही है। दुष्कर्म और वाहन चोरी के मामले बढ़े हैं जिसे लेकर थाने व फील्ड में पुलिस की सजगता पर भी चिंतन किया जा रहा है। वही लूट, डकैती व चेन स्नैचिंग से लोग भयभीत थे। सबसे पहले इन अपराधों पर नियंत्रण किया। कोई संगठित अपराधी फिलहाल सक्रिय नहीं है। महिला सुरक्षा और वाहन चोरी पर काम किए जाने की जरूरत है। अफसरों की मानें तो जिन स्थानों ने वाहन अधिक चोरी होते है इस बार उन जगहों को चिह्नित करेंगे। यहां कैमरे लगवाए जाएगे व निगरानी भी कराई जाएगी।

साल पॉक्सो एक्ट रेप छेड़खानी

2017 146 63 364

2018 186 72 411

2019 203 80 494

टोटल 535 215 1269

अब पीआरपी पहुंचागी घर

महिलाओं की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए शासन की ओर से अच्छी पहल की शुरुआत की गई है। महिलाओं के रात में कहीं फंसने पर शहर में आठ पीआरवी तैनात की गई है। जिसमें दो महिला कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई है। जो डायल 112 पर कॉल करने पर रात दस से सुबह छह के बीच महिलाओं को सुरक्षित घर तक पहुंचाएंगी। खासतौर पर रात के समय में घर जाते समय महिलाओं के साथ कई घटनाएं हो चुकी हैं।

सड़कों पर पुलिस अलर्ट रहती है। बदमाशों को पड़ने के लिए त्रिनेत्र एप लांच किया है। जिसमें उनकी पूरी क्राइम हिस्ट्री का लेखा-जोखा फीड़ होता है। बदमाशों पर नकेल कसने के लिए टीमें जुटी है। अन्य ही कई वारदातों का खुलासा हो किया जाएगा।

रमेश भारतीय, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive