छात्रावास के बाद विवि के आवास भी होंगे खाली
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बढ़ाया इस दिशा में कदम
ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रावास वाशआउट के बाद अब अवैध एवं अनाधिकृत रूप से विवि के आवासों में निवास कर रहे अवकाश प्राप्त, मृतक आश्रित अध्यापकों एवं कर्मचारियों से आवास खाली कराने की मुहिम विवि प्रशासन द्वारा शुरू की गयी है। इसी क्रम में अध्यक्ष आवास आवंटन समिति एवं सम्पत्ति कार्यालय ने ऐसे अनाधिकृत कब्जाधारियों की एक सूची कुलपति को प्रस्तुत की है। जिनपर लाखों रूपये किराये की देनदारी अवशेष है। इन सभी शिक्षकों/कर्मचारियों को एक माह के अन्दर आवास खाली करने का समय दिया गया है। एक माह के उपरान्त सभी सम्बन्धित शिक्षक व कर्मचारियों के आवास नहीं खाली करने पर उनको बिजली-पानी आदि मूलभूत सुविधाओं से वंचित करके उनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही करते हुये आवासों से अवैध कब्जों को हटाया जायेगा। इनमें ज्यादातर कब्जे बैंक रोड एवं एमएनएनआईटी परिसर स्थित आवास में हैं। बकायेदार अध्यापक/आश्रित का नामश्री मति पंत स्व। प्रो। आलोक पंत, वर्ष 2013 से 3,20,850 रूपये
श्री मति नीता त्रिपाठी पुत्री प्रो। जीपी त्रिपाठी, वर्ष 1986 से 27,45,224 रूपये नीरजा अवस्थी पत्नी स्व। प्रो। मोहन अवस्थी, वर्ष 1989 से 24,51,024 रूपये कशामा देवी पत्नी स्व। टी पति, वर्ष 1990 से 15,38,976 रूपयेहीरा मिश्रा पत्नी स्व। सोहन लाल मिश्रा, वर्ष 2001 से 14,48,448 रूपये
प्रो। वीएस त्रिपाठी, वर्ष 2007 से 8,41,376 रूपये
बकायेदार तृतीय श्रेणी कर्मचारी गिरीश चन्द्र त्रिपाठी, वर्ष 2015 से 49,975 रूपये अनिल सक्सेना, वर्ष 2014 से 1,71,925 रूपये राधा रमण त्रिपाठी, वर्ष 2016 से 29,650 रूपये राजेश सिंह, ये विवि के कर्मचारी नहीं हैं फिर भी अवैध रूप से रह रहे हैं