-कंपनी अभी डेली उठ रहे कचरे में वन फोर्थ का करेगी निस्तारण

-मुनाफा और मार्केट मिलने पर ही कंपनी लगाएगी बड़ा प्लांट

-तब तक कूड़े का ढेर यूं ही लोगों को देता रहेगा दर्द

BAREILLY:

बाकरगंज स्थित कूड़े के ढेर का निस्तारण फिलहाल दो माह बाद ही शुरू हो पाएगा। क्योंकि कचरे का निस्तारण करने पहुंची कंपनी मुनाफा और मार्केट देखने के बाद ही बड़ा प्लांट लगाएगी। अभी जिस प्लांट को कंपनी ने लगाया है, उससे डेली उठ रहे कुल कचरे का वन फोर्थ ही निस्तारण हो सकेगा। करीब 300 मीट्रिक टन डेली पहुंच रहा कचरा बाकरगंज और शहर के लोगों की दुश्वारियां बढ़ाता ही रहेगा। फिलहाल, प्लांट अभी ट्रॉयल के फेर में ही फंसा हुआ है। पांचवें दिन उम्मीद थी कि ट्रॉयल सफल हो जाएगा, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते कचरा बाकरगंज प्लांट तक नहीं पहुंच सका। लिहाजा, ट्रॉयल टल गया।

40 लाख मीट्रिक टन कूड़े का पहाड़

बाकरगंज कूड़े का पहाड़ करीब 40 लाख मीट्रिक टन का है, जिसके निस्तारण का काम शुरू होना था, लेकिन कंपनी कचरे से मुनाफा को लेकर अभी संशय में है। लिहाजा, वह बड़ी रकम लगाने से बच रही है। यही वजह है कि फर्म अभी 100 मीट्रिक टन का ताजा कचरा ही निस्तारित करने जा रही है। ऐसे में, बाकरगंज में अभी 18 हजार मीट्रिक टन कचरा अभी दो महीने और डम्प होगा। यदि कंपनी को मुनाफा समझ में नहीं आया तो दो महीने की तारीख आगे भी बढ़ सकती है।

मशीनें चली लेकिन फिर भी कूड़े का वेट

प्लांट का ट्रॉयल करने के लिए पांचवे दिन वेडनसडे सुबह से ही मशीन को स्टार्ट कर दिया था, लेकिन नगर निगम 100 टन कचरा ही उपलब्ध नहीं करा सका, जिसके चलते ट्रॉयल एक बार फिर नहीं हो सका। कूड़ा लेकर जो भी वाहन पहुंचे थे, उसमें 90 परसेंट मिट्टी थी, जिसे प्लांट में डाला नहीं जा सकता था।

पब्लिक बोली, नया रास्ता देखो

बाकरगंज के लोगों ने वेडनसडे को प्लांट तक जाने वाला रास्ते को जाम कर दिया। लोगों का कहना था कि यदि यहां से कूड़े की ट्रॉली निकालने की कोशिश की गई तो अच्छा नही होगा। भीड़ जमा होने से पहले ही प्लांट के अंदर करीब 6 ट्राली कूड़ा पहुंच चुका था। लेकिन जब भीड़ ने रोड जाम किया तो नगर निगम के लोगों को अपनी कूड़े की गाडि़यों को लेकर वापस लौटना पड़ा। वहीं, रास्ता को लेकर विरोध पर नगर आयुक्त का कहना है कि स्थानीय लोगों को समझा दिया गया है कि कचरा पहले जिस रास्ते से जाता था, उसी रास्ते जाएगा। अभी एक-दो दिन कचरा इधर से जाना है, लोग मान भी गए हैं।

कूड़े की वजह से नई हो रही शादियां

बाकरगंज कूड़े के पहाड़ ने लोगों की शादियों पर भी पहाड़ खड़े कर दिए है। यहां की कई परिवारों की लड़कियां न दुल्हन बन पा रही है। और न यहां के लड़के दूल्हा बन बन पा रहे है। वर्षो बीत गए लेकिन किसी के घर में शहनाई नही बजी। इसकी मेन वजह है कि बाकरगंज इलाके में न तो कोई अपनी बेटी देना चाहता है और न ही कोई बाकरगंज से किसी की बेटी लेना चाहता है। यदि कोई शादी फिक्स हो भी जाती है तो वो टूट जाती है। बाकरगंज की फरजीन का पांच दिन पहले ही शादी टूटी है। रिश्ता फिक्स हो गया लेकिन यह कहकर मना कर दिया कि कूड़े में नही करेंगे।

कूड़ा के ढेर का निस्तारणदो महीने के बाद ही शुरू हो सकेगा। दो माह बाद एक और मशीन लगाई जाएगी जो एक घंटे में 200 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण करेगी। जब यह मशीन लग जाएगी तभी इस कूड़े के पहाड़ को टच किया जाएगा। उससे पहले यह कूड़े के ढेर ऐसे ही जमा रहेगे।

परमवीर, प्लांट डायरेक्टर

Posted By: Inextlive