देहरादून.

पानी के बढ़े हुए बिलों से परेशान हैं तो आप घरों में मीटर लगवा सकते हैं. जल संस्थान के अधिकारियों ने हाल ही में करीब 500 मीटर मंगवाए हैं जिन्हें जरूरत के अनुसार अलग-अलग ब्रांचेज को दिया जा रहा है.

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यह है स्थिति

शहर में अब तक पेजयल कनेक्शन के साथ मीटर की व्यवस्था नहीं है, बल्कि जल संस्थान की ओर से पहले से तय टैरिफ के अनुसार कंज्यूमर्स को बिल दिया जाता है. ऐसे में कई बार कंज्यूमर बढ़े हुए बिलों की शिकायत करते हैं. हालांकि बार-बार जल संस्थान के चक्कर काटने के बावजूद भी कोई हल नहीं निकल पाता है.

मानकों में नहीं कोई खास फर्क

अक्सर कंज्यूमर का आरोप होता है कि छोटे और बड़े घरों के लिए जल संस्थान द्वारा टैरिफ का एक ही मानक फिक्स किया हुआ है. जबकि बड़े घरों में पानी का कंजप्शन ज्यादा होता है. लेकिन वे भी छोटे घरों की तरह ही बिल पे करते हैं. कंज्यूमर पेयजल कनेक्शन के साथ मीटर की मांग भी उठाते रहे हैं, ताकि उतना ही बिल पे किया जाए जितना पानी का उपयोग होता है. अभी तक केवल कॉमर्शियल पानी के कनेक्शंस में ही मीटर इंस्टॉल किए जाते थे.

अब पुरानों में भी मीटर

अब जल संस्थान ने पहली बार व‌र्ल्ड बैंक के प्रोजेक्ट के तहत पानी की नई योजनाओं में मीटर इंस्टॉलेशन को शामिल किया है. हालांकि, पुराने कनेक्शंस में इसे लागू नहीं किया गया था, लेकिन अब जल संस्थान पुराने कनेक्शनों में भी मीटर लगाने जा रहा है. दरअसल जल संस्थान के सभी जोन के लिए करीब 500 मीटर लाए गए हैं हालांकि इनमें सबसे अधिक उत्तर जोन में लगने हैं. यहां करीब 250 मीटर लगाए जाएंगें. लेकिन ये लोगों की डिमांड के अनुसार लगेंगे.

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मीटर के लिए करना होगा एप्लाई

किसी कंज्यूमर को अगर अपने घर में पेयजल कनेक्शन के साथ मीटर इंस्टॉल करवाना है तो इसके लिए जल संस्थान को एप्लीकेशन देनी होगी. एप्लीकेशन में मीटर लगवाने की वजह भी लिखनी होगी. उसके साथ ही एप्लीकेशन जमा करने पर ये मीटर पाइप लाइनों में लगा दिए जाएंगें.

नहीं हो सकी सफल

पहले भी पेयजल लाइनों में मीटर इंस्टॉल करने की कवायद शुरू हुई थी, लेकिन पाइप लाइनों में कैल्शियम जमने की वजह से ये सफल नहीं हो पाई. कैल्शियम जमने की वजह से पानी का प्रेशर कम हो जाता था. ऐसे में मीटर रीडिंग ही सही नहीं आ पाती थी. इसलिए ये सिस्टम सफल नहीं हो पाया.

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हाउस असेस्टमेंट से टैरिफ तय

मीटर की कवायद सफल नहीं हुई तो जल संस्थान की ओर से हाउस असेस्टमेंट के आधार पर बिलों का निर्धारण किया गया. इसके आधार पर ही टैरिफ तैयार किया गया और घरों में बिल भेजे जाने लगे. हालांकि एडीबी के प्रोजेक्ट में शहरभर में मीटर डाले जाने की योजना थी, लेकिन मीटर डालना तो दूर कई जगह एडीबी की ओर से काम तक पूरा नहीं किया गया.

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जल संस्थान में पहुंचे मीटर आवश्यकता के अनुसार लगाए जाएंगें. किसी के घर में ये मीटर लगाने हैं तो उन्हें रीजन सहित एप्लीकेशन देनी होगी, मीटर लग जाएगा. - यशवीर मल्ल, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान

Posted By: Ravi Pal