ALLAHABAD: गर्मी में पेयजल की समस्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। अंधाधुंध जलादोहन और पर्याप्त वर्षा न होने से वाटर लेवल लगातार नीचे जा रहा है। वाटर कंजर्वेशन पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे पूरा देश पेयजल संकट की प्रबल समस्या से जूझता नजर आ रहा है। लेकिन महाराष्ट्र में इस बार जो कुछ हुआ वह देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ। घोर पेयजल संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र के लातूर जिले में लोगों की प्यास बुझाने के लिए ट्रेन के वैगन में पानी भर कर लातूर जिले में भेजा गया। यह सिलसिला अभी जारी है, जो पेयजल संकट तक चलता रहेगा। लातूर में पेयजल संकट का यह आलम है कि लोग पानी के एक-एक बूंद के लिए एक दूसरे से जूझने को आमादा हैं। जो कमजोर हैं, लड़ नहीं सकते वह पलायन कर रहे हैं और मुंबई में डेरा जमा रहे हैं। जिले में पानी को लेकर कोई फसाद न हो जाए इसके लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। लातूर के साथ ही महाराष्ट्र के कई जिलों में घोर पेयजल संकट है। इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने यहां आईपीएल मैचों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया और इसे किसी और प्रांत में कराने का आदेश दे दिया। जनहित याचिका पर सुनाए गए इस फैसले का आधार यह रहा कि आईपीएल मैचों में पिच के मेंटेनेंस को लेकर अनाप शनाप पानी खर्च किया जा रहा था, जो कि पानी के संकट से जूझ रहे प्रांत के लोगों के लिए चिढ़ाने जैसा था। दरअसल महाराष्ट्र में उभरी पेयजल संकट की यह तस्वीर लोगों के लिए चेतावनी की तरह है, कि अगर अब नहीं संभले तो महाराष्ट्र जैसे हालात जल्द ही देश के कोने-कोने में होंगे। वाटर मैनेजमेंट आज समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। इसके लिए देश के हर व्यक्ति को जागरूक होना पड़ेगा। क्योंकि सरकार द्वारा सिर्फ योजनाएं बना देने मात्र से कुछ नहीं होने वाला। पानी को तभी बचाया जा सकता है जब हर व्यक्ति इसके लिए प्रयास करेगा।

Posted By: Inextlive