- खरखौदा ग्राम पंचायत में लगा दिए गए 14 वॉटर कूलर

- एक वॉटर कूलर की एस्टीमेटिड कॉस्ट रखी थी 1.94 लाख

- डिपार्टमेंट ने 51 फीसदी की छूट के साथ ठेकेदार को 97 हजार पर कूलर का का दिया पेमेंट

- एडीएम ई के पास पहुंची शिकायत, दिए जांच के आदेश

sharma.saurabh@inext.co.in

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Meerut : खरखौदा ग्राम पंचायत में वॉटर कूलर खरीद और उन्हें इलाके में एसेंबल करने के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला सामने आया है। ग्राम पंचायत के अफसरों को बुलाकर एडीएम ई ने जमकर लताड़ लगाई है। साथ ही इसके जांच के आदेश भी दे दिए हैं। ताज्जुब की बात तो ये है कि करीब डेढ़ महीने पहले लगने वाले इन वॉटर कूलर की इलाके में जरुरत ही नहीं थी, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने वॉटर कूलर का ओवर एस्टीमेट बनाकर ठेकेदार को पेमेंट तक कर दी है।

वॉटर कूलर घोटाला

खरखौदा ग्राम पंचायत में स्थानीय अधिकारियों ने पंचायत के 14 इलाकों में वॉटर कूलर और उन्हें एसेंबल करने के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला कर डाला। घोटाला करीब 5 लाख रुपए का आंका जा रहा है। इसकी जानकारी जब हुई जब एडीएम ई को इस बारे में शिकायत मिली। एडीएम ई बुधवार को ग्राम पंचायत के अधिकारियों को बुलाकर इसकी पूछताछ करने के साथ मौके फोटोग्राफ और बिलों को भी देखा तो एडीएम ई सन्न रह गए।

सभी को लगाई लताड़

ग्राम पंचायत ऑफिस के बाबू और ईओ एडीएम ई ने जमकर लताड़ लगाई। साथ ही कहा कि ठंड के मौसम में इलाकों में वॉटर लगाने की क्या जरुरत पड़ी। फोटोग्राफ देखकर साफ लग रहा था कि वॉटर कूलर पुराने लगे हुए हैं। साथ एसेंबल करने के लिए बनाए गए चबूतरे में लगी ईटें भी पुरानी थीए जिनका रेट नई ईटों के हिसाब से लगाया हुआ था। ग्राम पंचायत के बाबू ने पूछताछ में बताया कि बजट बढ़ने का मुख्य कारण वॉटर कूलर के साथ लगने वाली मोटर, वायरिंग और बाकी चीजें हैं।

चार गुना एस्टीमेटिड बजट

एडीएम ई ने एस्टीमेट बजट और बिलों को देखा तो और भी ज्यादा चौंक गए। एस्टीमेट बजट में एक वॉटर कूलर कीमत, चबूतरा समेत 1.94 लाख लगा रखी थी। जबकि पेमेंट 97 हजार रुपए ठेकेदार को दिए गए थे। जब इस बारे में पूछा गया तो बाबू ने बताया कि ठेकेदार 51 फीसदी की छूट देकर पेमेंट ली, जिसे सुनकर एडीएम ई और भी ज्यादा भड़क गए। ग्राम पंचायत के 14 इलाकों में एक-एक वॉटर कूलर लगाया गया है, जिनका पेमेंट 97 हजार रुपए के हिसाब से किया गया है। उन्होंने तुरंत इसकी फाइल अपने कब्जे में लेते हुए जांच के आदेश कर दिए।

पीडब्ल्यूडी को सौंपी जांच

ईओ जानकारी देते हुए बताया कि वह हाल ही में आए हैं। उनके पास ठेकेदार को पेमेंट करने के लिए फाइल तो उन्होंने पास कर दी और ठेकेदार को पेमेंट कर दिया गया। एडीएम ई ने इसकी जांच पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कराने के आदेश दे दिए हैं। जिसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द देने को कहा गया है। एडीएम ई का कहना है कि ये गंभीर मामला है, जिसकी जांच निष्पक्षता के साथ कराई जाएगी।

वैसे तो वॉटर कूलर की जरुरत नहीं थी, लेकिन जिस हिसाब से पेमेंट किया गया है वो हजम करने लायक नहीं है। मैंने जांच के आदेश कर दिए है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

- दिनेश चंद्र, एडीएम ई, मेरठ

Posted By: Inextlive