क्त्रन्हृष्ट॥छ्वढ्ढ: गर्मी शुरू हो चुका है और अब लोगों को पानी की किल्लत भी होने वाली है. शहर में कई बड़ी-बड़ी जलमीनारें हैं, लेकिन उनमें पानी ही नहीं रहता है. ऐसे में लोग पानी के लिए परेशान रहते हैं. वाटर सप्लाई की खराब हो चुकी स्थिति को लेकर सरकार 21 जलमीनार बनाने की तैयार कर रही है. रांची में फ‌र्स्ट फेज में 14 नई जलमीनार बनाई जाएंगी.

जलमीनार में नहीं चढ़ पाता पानी

रांची शहर में 19 जलमीनार हैं. शहर के हर इलाके में ऊंची-ऊंची जलमीनारें बनायी गई हैं. लेकिन उनमें पानी ही नहीं रहता है. विभाग के इजीनियरों ने बताया कि टंकी में पानी नहीं चढ़ पाता है. इस कारण परेशानी होती है. शहर में जितनी भी जलमीनार हैं, उनकी कैपासिटी बहुत अधिक है लेकिन उनमें कभी भी पूरा पानी नहीं रहता है.

दो लाख लीटर है कैपासिटी

राजधानी के अधिकतर हिस्सों में पेयजल और स्वच्छता विभाग की ओर से जलमीनार बनवाई गई हैं. इन सभी जलमीनारों की क्षमता दो लाख लीटर पानी के भंडारण की है. अब जलापूर्ति व्यवस्था की आधारभूत संरचना के रख-रखाव का काम नगर निगम खुद कर रहा है. राजधानी में मोरहाबादी, ईस्ट जेल रोड, चर्च रोड, मारवाड़ी स्कूल कैंपस, पिस्का मोड़, रातू रोड चौक, हिनू, सीआइएसएफ कैंपस, मेकॉन, डोरंडा बाजार, 55 सेट, पुंदाग, अरगोड़ा, अशोकनगर, एयरपोर्ट, तुपुदाना, सिंहमोड़, रिम्स परिसर, नार्थ ऑफि स पाड़ा, प्रोजेक्ट भवन, हटिया में जलमीनार बनी हुई हैं.

21 जलमीनार बनाने की योजना

नगर विकास विभाग ने वर्ष 2037 तक पानी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए रांची में 21 जलमीनार बनवाने की योजना तैयार की है, ताकि राजधानी के सभी 53 वार्ड में 24 घंटे पानी की सप्लाई की जा सके. जलमीनार के निर्माण और पाइपलाइन बिछाने पर करीब 950 करोड़ रुपए खर्च होंगे. रांची शहर में पानी सप्लाई के हालात, पानी की उपलब्धता और आधारभूत संरचना की जो स्थिति है, उससे विभाग की इस योजना पर संदेह होता है. क्योंकि रांची शहर में पानी सप्लाई के सिर्फ तीन स्रोत हैं. गोंदा, रुक्का और हटिया डैम. इन तीनों डैमों की स्थिति यह है कि गर्मी आते-आते पानी खत्म होने लगता है और पानी की राशनिंग शुरू करनी पड़ती है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब पानी है ही नहीं, तो जलमीनार बना करके भी क्या होगा.

अृत योजना

950 करोड़ की लागत से अमृत योजना के अंतर्गत रांची शहर के नामकुम, कोकर, पुरुलिया रोड, कांटाटोली, महात्मा गांधी रोड, चुटिया, मोरहाबादी के एदलहातू, तुपुदाना समेत अन्य जगहों में 21 नई जलमीनार बनाई जाएंगी.

गर्मी में तीनों डैमों का कम पड़ जाता है पानी

गर्मी के दिनों में इन तीनों डैमों का पानी कम पड़ जाता है. इसके कैचमेंट क्षेत्र में अतिक्रमण बदस्तूर जारी है, इससे पानी का भंडारण भी लगातार कम हो रहा है. डैमों में पानी दिसंबर माह से ही कम होना चालू हो जाता है. फिलहाल 18 से अधिक जलमीनारों से 40 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जा रही है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha