क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी में रहने वाली आधी से अधिक आबादी को पानी नसीब नहीं होता है. लोगों के घरों तक पहुंचने से पहले पानी सड़क पर ही बह जा रहा है. यह शहर में सप्लाई पाइप लाइन के कारण हो रहा है. अक्सर सिटी के विभिन्न इलाकों में लीकेज या पाइप के फ टने से पानी की बर्बादी होती रहती है. दरअसल, लगभग 53 साल पुरानी इन पाइपलाइन ने पूरा खेल बिगाड़ कर रख दिया है. हर दिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है वहीं पानी के लिए विभिन्न इलाकों के लोग भी तरसते रह जाते हैं.

53 साल पुरानी है पाइप लाइन

वर्ष 1966 में बिछी यह पाइपलाइन अब काफ कमजोर हो चुकी है. इसकी वजह से अक्सर लीकेज या पाइप फटने से पानी की बर्बादी होती रहती है. हर बार पाइप की मरम्मत करके काम चलाया जा रहा है. लेकिन, इस पुरानी व जर्जर पाइपलाइन को बदलने की पहल नहीं की जाती है. इस वजह से शहर के विभिन्न इलाकों के लोगों का पानी रास्ते में यूं ही बर्बाद होता रहता है.

हर दिन पानी बर्बाद

एक ओर तो राजधानी की बड़ी आबादी को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी नसीब नहीं हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर रोज लाखों लीटर सप्लाई वाटर बर्बाद हो रहा है. कभी कोकर तो कभी खेलगांव चौक के पास रोड किनारे सप्लाई वाटर की पाइप फ टती है. इसके अलावा मेन लाइन में ही कई जगह लीकेज से भी लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी है, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

रोड भी हो रहा खराब

जलापूर्ति के लिए बिछी पानी की पाइप में लिकेज की घटना हर सप्ताह खुद को दोहराती है. कभी छोटी और कभी बेहद बड़ी. बरियातू स्थित सेवेंथ डे स्कूल के पास पाइपलाइन फ टने के कारण सड़क में ही गढ्डा हो गया है. पाइप फ टने का असर जलापूर्ति के अलावा सड़क और यातायात पर भी पड़ता है. पानी की बर्बादी एक दो नहीं, बल्कि पिछले एक महीने से जारी है. पाइप की लिकेज बढ़ जाने से पानी की धार तेज हो जाती है इससे लाखों लीटर पानी बेकार में ही बह जाता है. वहीं, पाइपलाइन में लीकेज के कारण हर दिन काफ मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha