क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी में वाटर क्राइसिस बढ़ता ही जा रहा है. इसके लिए नगर निगम की ओर से किए गए तमाम उपाय भी फेल साबित हो रहे हैं. वार्डो में की गई डीप बोरिंग भी लोगों की प्यास नहीं बुझा पा रही है. इसके बावजूद पब्लिक के पानी पर कुछ दबंग डाका डालने में लगे हैं. कुछ वार्ड में बोरिंग का घेराव कर कब्जा जमा लिया है तो कहीं बोरिंग का कनेक्शन अपने घरों में खींच लिया है. इससे पब्लिक को पानी मिले न मिले उनके घरों में हमेशा पानी आता रहेगा. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसकी मॉनिटरिंग करने वाले कहां सो रहे हैं?

अपनी मर्जी से चलाते हैं मोटर

बोरिंग करने के साथ ही नगर निगम ने वहां पर समरसिबल मोटर लगाया है. इसके अलावा वहीं पर टंकी भी लगाई गई है. इसके संचालन की जिम्मेवारी पास के मकान मालिक को दी गई है. लेकिन वे लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं. एक तो उन्होंने अपने घरों में पाइपलाइन का कनेक्शन कर लिया है. वहीं मोटर भी अपनी मर्जी से चलाते हैं. इतना ही नहीं, मोटर चलाने का टाइम भी फिक्स नहीं है. इससे लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो पाता.

टंकी भरने तक देते हैं पहरा

नगर निगम की लगाई गई टंकियों पर पास के मकान मालिक का पहरा होता है. वे मोटर चलाने से लेकर उसपर नजर भी रखते हैं. इसके अलावा पानी चलाने के दौरान वहीं पर बैठकर पहरा भी देते हैं ताकि कोई टंकी भरे बिना पानी न ले जाए. वहीं कुछ जगहों पर लोगों ने ताला भी लगा दिया है, ताकि उनकी मर्जी के बिना कोई पानी भी नहीं भर सकता है.

घर में ही लगा ली पानी की टंकी

नगर निगम ने पब्लिक की सुविधा के लिए डीप बोरिंग कराकर मोटर और टंकी लगाई थी. लेकिन दबंगों ने पानी की टंकी अपने घरों में ही लगवा ली. इसका आधा हिस्सा बाहर रोड पर और आधा हिस्सा घर के अंदर है. इतना ही नहीं, पानी का एक कनेक्शन अपने घर में भी कर लिया गया है.

टैंकर की पाइप से पहले घर में भरा पानी

पानी भरने के लिए पब्लिक को इंतजार करना पड़ता है. वहीं कुछ दबंग टैंकर के आते ही पाइपलाइन अपने घर में घुसा लेते हैं. घर की टंकी भरने के बाद उसे पब्लिक के लिए भेज दिया जाता है. इस चक्कर में वार्ड में टैंकर से सप्लाई की गिनती हो जाती है. लेकिन पब्लिक को ही पानी नहीं मिल पाता है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha