पढ़ाई छोड़ पानी ढो रही हैं वीमेंस कॉलेज के साइंस ब्लॉक की छात्राएं
ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब : रांची वीमेंस कॉलेज साइंस ब्लाक में पानी के लिए हाहाकार मचा है। पढ़ाई करने के समय में छात्राएं हाथ में बाल्टी, गैलन, डब्बा समेत पानी भरने के दूसरे बरतन लेकर इधर से उधर दौड़ती रहती हैं। इस वजह से उनकी पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है और उनका करियर दांव पर है। उल्लेखनीय है कि करीब 250 छात्राओं के लिए पूरे छात्रावास में एक सप्लाई नल है और इसके साथ एक बोरिंग की व्यवस्था है। मोटर महीनों से खराब है और दिसम्बर माह से पूरा छात्रावास पानी के लिये तरस रहा है।
प्यास बुझाने की तकनीक ढूंढेंगेइस मामले में जब छात्राओं से बात की गयी तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं हमलोग, प्यास बुझाने के वैज्ञानिक तरीके तलाशेंगे अब, संभव है कि केमिकल पीकर प्यास बुझाना शुरु कर दें। उनका यह तंज सिस्टम के खिलाफ गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। राजधानी के बीचोंबीच जब हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं तब आसपास के ग्रामीण इलाकों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। इधर, साइंस ब्लॉक में अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावास में पानी की बड़ी समस्या पर छात्राओं ने कहा कि आरक्षण का लाभ भले मिले न मिले सिस्टम का रुखा व्यवहार अभी से देखने को मिल रहा है.किसी को सुध लेने तक का समय नहीं है
मेयर आशा लकड़ा भी रह चुकी हैं छात्रावास में छात्राओं का आरोप है कि इसी छात्रावास में कभी मेयर आशा लकड़ा रहा करती थीं। उनके 4 साल के कार्यकाल में छात्रावास में पानी की समस्या को दूर नहीं किया गया। अब आलम यह है कि छात्राएं पानी के लिए देर रात तक दर दर भटकती रहती हैं। हालांकि, निवर्तमान मेयर आशा लकड़ा का कहना है कि जब वे छात्रावास में रहती थीं, उसी वक्त से यहां पानी की समस्या है। यह कल्याण विभाग का छात्रावास है। लेकिन, छात्राओं ने पानी की समस्या की कोई शिकायत हमें नहीं की है। अगर ऐसा है तो इसे दूर किया जाएगा।