पानी संकट तो नहीं, फिर भी पानी के लिए तरस रहे लोग
6 से 7 हजार लोग प्रभावित
21 हजार लोग रहते हैं वार्ड में 15 सबमर्सिबल से बुझती है प्यास 2 प्वाइंट पर टैंकर लगे थे पिछले साल 2 बार की जा चुकी है शिकायत - जोन दो अंतर्गत मौलवीगंज वार्ड के कई इलाकों में हो रही दूषित जलापूर्ति - शिकायतों के बावजूद नहीं हो रही है कोई सुनवाई lucknow@inext.co.in LUCKNOW घनी आबादी वाले मौलवीगंज वार्ड में वैसे तो पानी संकट नहीं है लेकिन इस वार्ड के अंतर्गत कई ऐसे इलाके हैं, जहां पानी संकट न होने के बाद भी लोगों को इसका सामना करना पड़ रहा है. कारण यह है कि नलों से जो पानी आ रहा है, वह दूषित है. लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. गर्मी आते ही समस्यावार्ड के करीब 10 फीसद इलाकों में दूषित जलापूर्ति हो रही है. लोगों को ऐसे नलों के सामने लाइन लगानी पड़ रही है, जहां शुद्ध पानी आ रहा है. लोगों की माने तो गर्मी के दस्तक देते ही नलों से दूषित जलापूर्ति हो रही है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे वैसे दूषित जलापूर्ति की समस्या बढ़ रही है.
पिछले साल भी समस्यापिछले साल भी इस वार्ड के 10 फीसद इलाकों में दूषित जलापूर्ति की समस्या सामने आई थी. लोगों को उम्मीद थी कि इस साल उन्हें गंदा पानी नहीं मिलेगा लेकिन इस बार भी गंदा पानी ही नलों से आ रहा है.
लगाने पड़ेंगे टैंकर वार्ड का आधा हिस्सा जलकल के जोन 1 और दूसरा जलकल के जोन 2 में आता है. जिन इलाकों में दूषित जलापूर्ति हो रही है, वे जोन 2 के अंतर्गत आते हैं. वार्ड के अंतर्गत कई अन्य इलाकों में पानी का फ्लो कम होने की भी शिकायतें सामने आ रही हैं. पिछले साल दो प्वाइंट पर टैंकर लगाए गए थे. वार्ड पार्षद की माने तो अगर जल्द दूषित जलापूर्ति की समस्या दूर नहीं हुई तो टैंकरों की संख्या बढ़ेगी. बाक्स इन इलाकों में समस्या - गौसनगर - पूर्वी बिरहाना - सुभाष मार्ग - हाता सुलेमान कदर इत्यादि वर्जन वार्ड के कई इलाकों में दूषित जलापूर्ति हो रही है, जिससेजनता परेशान है. यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में पेयजल संकट गहराएगा. शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है. मुकेश सिंह मोंटी, पार्षद, मौलवीगंज वार्ड