आई एक्सक्लूसिव

-नदी नालों में प्रदूषित पानी बहाने वाली फैक्ट्रियों पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगाएगा जुर्माना

- पहले इंडस्ट्रीज पर नहीं होती थी कार्रवाई सिर्फ नोटिस जारी कर झाड़ लिया जाता था पल्ला

बरेली : फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी बिना ट्रीटमेंट के नदी-नालों में बहाना फैक्ट्री संचालकों को अब भारी पड़ेगा। क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड अब फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी की जांच करने के साथ ही उन पर जुर्माना भी लगा सकेगा। असल में नदियों में गंदा पानी बहाने से रोक लगाने के लिए एनजीटी ने अब कार्रवाई का अधिकार भी क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दे दिया है। इसके बाद अब क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ऐसी फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

इसलिए नहीं होता था एक्शन

अभी तक नदी नालों में प्रदूषित पानी बहाने वाली फैक्ट्रियों पर कार्रवाई के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग के पास कोई अधिकार ही नहीं था। विभाग फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी का सैंपल लेकर शासन को रिपोर्ट भेजता था। इसके बाद भी इन फैक्ट्रियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती थी।

इन बिंदुओं पर होगी जांच

इंडस्ट्रीज और कंपनियों से निकलने वाले पानी का बॉयोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड यानि बीओडी, टोटल सस्पेंडेड सॉलिड यानि टीएसएस की जांच की जाएगी। इन बिंदुओं की कमी पाए जाने पर विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

बीओडी, टीएसएस की नार्मल वैल्यू

किसी भी फैक्ट्री से निकलने वाले पानी की बीओडी का सामान्य स्तर 30 मिली ग्राम प्रति लीटर वहीं टीएसएस की नार्मल वैल्यू 100 मिली ग्राम प्रति लीटर होती है। बीओडी और टीएसएस की इससे अधिक मात्रा पाए जाने पर ही कंपनी पर जुर्माना डाला जाएगा।

ईटीपी प्लांट लगाना जरूरी

जिन कंपनियों या फैक्ट्रियों में पानी से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई कार्य हो रहा है तो वहां इन्फ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य है। इस प्लांट से इंडस्ट्रीज से निकलने वाले गंदे पानी को रिसाइकल किया जाता है। रिसाइकल किए हुए पानी का उपयोग सिंचाई व अन्य कार्यो में भी किया जा सकता है।

अगले माह से चलेगा अभियान

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से शहर में व्यापक रूप से अभियान चलाकर सभी छोटी बड़ी कंपनियों और इंडस्ट्रीज से निकलने वाले पानी का सैंपल लिया जाएगा। जिसके लिए विभाग ने कार्य योजना तैयार कर ली है।

इनविराड पर लगा 30 लाख जुर्माना

जल प्रदूषण करने वालों पर कार्रवाई का अधिकार मिलने के बाद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहली कार्रवाई मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करने वाली एजेंसी इनविराड पर की। क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड ने एजेंसी पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।

वर्जन :::

पिछले माह ही एनजीटी के जरिए जुर्माना डालने का आदेश प्राप्त हुआ है। जिसके बाद एक कंपनी पर कार्रवाई की जा चुकी है। अगले माह से शहर में व्यापक रूप से अभियान चलाकर वॉटर सैंपलिंग की जाएगी।

रोहित सिंह, आरओ, यूपीपीसीबी

Posted By: Inextlive