-मंडलीय हॉस्पिटल में तीमारदारों को नहीं मिल पा रहा है शुद्ध पानी

-हॉस्पिटल की अधिकतर पानी की टंकियों से निकलता है गंदा पानी

VARANASI :

बिहार के औरंगाबाद निवासी कल्पना अपने छोटे बच्चे को मंडलीय हॉस्पिटल के चाइल्ड वार्ड में लेकर एडमिट है। बच्चे का डॉक्टर व नर्स द्वारा डेली चेकअप भी होता है। लेकिन कल्पना की एक प्रॉब्लम है जो डॉक्टर्स से सॉल्व नहीं होती है। वार्ड की अकेली सिर्फ कल्पना ही नहीं बल्कि कई और पेशेंट्स के तीमारदार हैं जिनकी प्रॉब्लम हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन नहीं सॉल्व कर पा रहा है। दरअसल मंडलीय हॉस्पिटल में इस टाइम शुद्ध पेयजल पेशेंट्स व तीमारदारों को नहीं मिल पा रहा है।

जेब होती है हल्की

मंडलीय हॉस्पिटल में पेशेंट्स व तीमारदारों के लिए एक प्रॉब्लम बहुत ही कष्टकारक है। उसका काट निकालने के लिए जब कोई उपाय किया जाता है तो फिर जेब हल्की होने लगती है। मामला कुछ यूं है कि पेशेंट्स व तीमारदारों के लिए पीने के पानी को लेकर जबरदस्त क्राइसिस बनी हुई है। तीमारदार मेन गेट पर लगे मिल्क स्टाल से मिनरल वाटर खरीदकर अपनी और पेशेंट्स की प्यास बुझा रहे हैं।

व्यर्थ में बहता रहता है पानी

अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, चाइल्ड वार्ड के आस-पास सिमेंटेड की तीन टंकियों के ऊपर का ढक्कन आधा खुल्ला हुआ है। जिसमें हवा का संग पाकर धूल, पेड़ की पत्तियां आदि गंदगी टंकी में गिरती रहती है। इसी टंकी से पानी की सप्लाई प्रत्येक वार्ड में गई है इसलिए इस पानी को पेशेंट्स व तीमारदार पीने के लिए नहीं करते हैं। जबकि मेन टंकी डैमेज हो चुकी है। जिससे ट्यूबवेल का पानी व्यर्थ भी बहता रहता है।

आरओ प्लांट से तेल की धार

अरे घबराईए नहीं, कहने का मतलब है कि जिस तरह तेल की धार होती है। ठीक उसी तरह आरओ प्लांट से पानी निकलता है। तीमारदार गोलू का कहना था कि कभी कभी यह तेल का धार भी बंद हो जाता है। फिर पानी लेने के लिए हम लोगों को इमरजेंसी के सामने लगे वाटर कूलर से पानी लेना पड़ता है।

उबल जाता है पानी

मंडलीय हॉस्पिटल में पानी की व्यवस्था के लिए दो ट्यूबवेल, चार हैंडपंप सहित एक चार टोटी की टंकी भी ओपीडी के ठीक बाहर लगी हुई है। लेकिन चार हैंडपपं में सिर्फ दो हैंडपंप ही ठीक ठाक काम करती है। जबकि तेज धूप के कारण चार टोटी की टंकी का पानी एकदम उबल जाता है। सीआईसी आफिस के सामने एक हैंडपंप है जो हमेशा भीड़ से पटा रहता है। यहां पर तीमारदार के साथ-साथ बाहरी पब्लिक भी पानी लेने पहुंचती है।

पीने के पानी को लेकर काफी जलालत झेलनी पड़ती है। इमरजेंसी वार्ड के बाहर एक बैंक के सौजन्य से लगा वाटर कूलर से पानी लेना पड़ता है।

कुलदीप पांडेय, तीमारदार

वार्ड का पानी पीने लायक नहीं होता है। पीने के पानी लेने के लिए नीचे मेन गेट पर जाना पड़ता है।

कुलवंती, तीमारदार

पेशेंट्स सहित तीमारदारों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा हैं। एक हैंडपंप हैं जहां कुछ ठीक पानी भी मिलता है वहां हमेशा भीड़ ही लगी रहती है।

विनय कुमार, तीमारदार

गंदे पानी से ही रोग होता है। लेकिन यहां तो शुद्ध पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।

हम तो अक्सर बाहर से ही बोतल का पानी खरीदते हैं।

रवि कुमार, तीमारदार

हॉस्पिटल में पानी की व्यवस्था भरपूर है। पानी की टंकियों के ढक्कन को बंदर द्वारा खोल दिया जाता है। इससे थोड़ा प्रॉब्लम जरूर होता है।

डॉ। शरदचंद्र मिश्रा,

सीआईसी, मंडलीय हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive