RANCHI: राजधानी में जर्जर हो चुकी पानी की टंकियां हादसों को दावत दे रही हैं। किसी के पिलर कमजोर हो गए हैं, तो कोई जर्जर हालत में है। इसके बावजूद टंकी में पानी चढ़ाकर घरों में सप्लाई की जा रही है। अगर जल्दी ही इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो बड़ा हादसा कोई नहीं टाल सकता है। इसमें कई लोगों की जान जाने का भी खतरा है। चूंकि ये जर्जर पानी की टंकियां भीड़भाड़ वाले इलाकों में हैं।

क्। भ्0 साल पुरानी टंकी में दरार, जिम्मेवार अनजान

-बरियातू हाउसिंग कालोनी

बरियातू हाउसिंग कालोनी को क्9म्ब् में बसाया गया था। उसी समय पानी की टंकी भी बनाई गई थी। ताकि इस इलाके में रहने वाले लोगों को पानी की सप्लाई की जा सके। लेकिन भ्0 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद पिलर में अब दरार आ गई है। वहीं कई जगहों से सीमेंट भी झड़ने लगा है। ऐसे में आसपास रहने वालों के लिए यह कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। बताते चलें कि टंकी के नीचे ही करीब भ्0 दुकानें हर रोज लगती हैं। ऐसे में उन्हें भी हर वक्त हादसे का डर सताता रहता है।

ख्। ढह रहा टंकी का किनारा, सांसत में सैकड़ों जान

-आरएमसी के डोरंडा सर्किल ऑफिस के पास

रांची नगर निगम के डोरंडा सर्किल आफिस के ठीक बगल में स्थित पानी की टंकी जर्जर हालत में है। पिलर तो कमजोर हो ही गए हैं, वहीं टंकी के किनारे भी ढहने लगे हैं। ऐसे में सर्किल आफिस में काम करने वाले अधिकारियों और मजदूरों की जान भी खतरे में है। इसके अलावा पास में ही झारखंड सरकार का रीजनल ट्रेनिंग सेंटर और हास्टल भी है, जहां आए दिन ट्रेनिंग सेशन चलता है। वहीं ट्रेनिंग के लिए आने वाले लोगों को हास्टल में ठहराया जाता है।

क्कद्गश्रश्चद्यद्ग ष्श्रठ्ठठ्ठद्गष्ह्ल

टंकी तो भ्0 साल से अधिक पुरानी है। कई जगह से दरार आने के कारण गिरने का खतरा बढ़ गया है। टंकी गिरती है तो नीचे की दुकान वालों की जान को खतरा है। वहीं नीचे में मालवाहक गाडि़यां भी आती रहती हैं। उन्हें भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। हमलोगों को भी काफी परेशानी होगी। इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो बड़ा हादसा होना तय है।

घनश्याम

जर्जर हो चुकी पानी टंकी की तत्काल मरम्मत होनी चाहिए। मरम्मत नहीं हो सकती है तो सरकार को ऐसी टंकियों को गिरा देना चाहिए। क्या हादसे के बाद सरकार की नींद खुलेगी। आसपास में रहने वाले लोगों को तो हमेशा इस बात का डर रहता है कि कहीं टंकी गिर न जाए। पब्लिक की किसी को परवाह ही नहीं है।

वकील प्रसाद मेहता

राजधानी में ऐसी टंकियों की निगरानी करनी चाहिए, जो सालों पुरानी हैं। इसकी भी एक उम्र होती है। अगर समय रहते खतरनाक टंकियों को नहीं हटाया गया तो बड़ा एक्सीडेंट होगा और इसके लिए सिर्फ सरकार ही जिम्मेवार होगी। विभाग के लोगों को भी समय-समय पर इसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को देनी चाहिए।

मिथिलेश

Posted By: Inextlive