- वाटर टैक्स के बिलों में हो रहा खेल, बढ़ीं शिकायतें

- कनेक्शनधारकों से नियम विरुद्ध वसूला जा रहा जलकर व जल मूल्य

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VARANASI

जलकल की ओर से शहर के घरों में भेजे जा रहे वाटर टैक्स के बिलों में खेल हो रहा है। कनेक्शनधारकों से नियम विरुद्ध तरीके से जलकर (वाटर टैक्स) और जल मूल्य (वाटर कॉस्ट) वसूला जा रहा है। इससे कनेक्शनधारकों पर दोहरी मार पड़ रही है। अगर किसी ने शिकायत की तो बिल सही कर दिया जाता है, लेकिन कई बार दौड़ाने के बाद। वहीं तमाम उपभोक्ता विभाग का चक्कर लगाते-लगाते थक जाते हैं तो मजबूर होकर दोनों टैक्स भरते हैं। आंकड़ों के मुताबिक हर महीने इस तरह के हजारों बिल जेनरेट हो रहे हैं। जिसकी शिकायतें पेंडिंग हैं, लेकिन विभाग सिस्टम ठीक करने की बजाय इसमें लापरवाही बरत रहा है।

ऐसे करते है 'खेल'

जलकल विभाग का रेवेन्यू बढ़ाने और टारगेट पूरा करने के चक्कर में जलकल के कर्मचारी बिल में खेल करते हैं।

मैनुअल बिल में वाटर टैक्स और वाटर कॉस्ट जोड़ दिया जाता है।

-जबकि कन्ज्यूमर को सिर्फ वाटर टैक्स या वाटर कास्ट दोनों में एक देना होता है

-जिनको इसकी जानकारी होती वो विभाग में जाकर शिकायत करते हैं

-शिकायत पर कम्प्यूट्राइज्ड करके बिल को दुरुस्त कर लिया जाता

-जिनको पता नहीं होता वो दोनों टैक्स जमा कर देते हैं

-जो कन्ज्यूमर बिल दुरुस्त कराने के लिए विभाग दौड़ते परेशान हो जाते हैं वो भी दोनों टैक्स जमा कर देते हैं

शिकायतें भरपूर

जलकल कंट्रोल रूम से लेकर अफसरों के पास हर महीने बिलों में गड़बड़ी की शिकायत आती है। मिनी सदन और नगर निगम की कार्यकारिणी समिति में पार्षदों और विधायकों ने इसकी शिकायत की है। इसमें कुछ की प्रॉब्लम सॉल्व कर दी जाती है, लेकिन तमाम कनेक्शनधारक दौड़-धूप से बचने के लिए दोनों मदों में भुगतान कर देते हैं।

ये हैं रूल्स

- पेयजल कनेक्शनधारकों से सर्किल रेट के हिसाब से वाटर टैक्स लिया जाता है।

- घर से सौ मीटर दायरे के भीतर पेयजल पाइपलाइन जाने पर निर्धारित जल मूल्य लिया जाता है।

- जलकल के रूल्स के हिसाब से वाटर टैक्स या कॉस्ट में सिर्फ एक (जो ज्यादा हो) देना हाेता है।

एक नजर

- 1.55 लाख कनेक्शनधारक हैं शहर में

- 400 रुपया प्रति वर्ष जल मूल्य है निर्धारित

- करीब 35 करोड़ रेवेन्यू हर साल मिलता है जलकल को

- 15 से 25 बिल में गड़बड़ी से जुड़ी शिकायतें आती हैं डेली

- 625 शिकायतें आई सितम्बर महीने में

- 3800 से ज्यादा बिल में त्रुटि के मामले अब तक पेंडिंग

बिलों में गड़बड़ी की शिकायत आने पर उसे दूर किया जाता है। पेंडिंग मामलों को निपटाया जा रहा है। अगर किसी कर्मचारी की वजह से पब्लिक को दिक्कत होती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होती है।

रघुवेन्द्र कुमार, सचिव, जलकल

Posted By: Inextlive