--आम पब्लिक से लेकर औद्योगिक प्रतिष्ठान भी कम नहीं

--अवैध कनेक्शन की वजह से बडे़ इलाके में नहीं पहुंच पा रहा पानी

60 एमजीडी पानी सप्लाई होती है रुक्का डैम से

10 एमजीडी पानी सप्लाई होती है हटिया डैम से

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RANCHI (17 रूड्डह्मष्द्ध): मार्च महीने से ही पीने के पानी की समस्या होने लगी है। लगातार जलस्तर गिरने से कई क्षेत्रों में बोरिंग सूखने लगी है। सिटी में अधिकतर क्षेत्र के लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। कई इलाकों में नियमित जलापूर्ति भी नहीं हो रही है, वहीं दूसरी ओर बड़ी मात्रा में सप्लाई पानी की चोरी हो जा रही है। जी हां, पानी के सबसे बड़े सोर्स रुक्का डैम से करीब 33 लाख गैलन(125 लाख लीटर) पानी की चोरी हो रही है। पानी की इस चोरी में ना सिर्फ आम लोग, बल्कि बड़े औद्योगिक संस्थान, कामर्शियल मॉल से लेकर, होटल, रेस्टोरेंट भी शामिल हैं। पानी की राइजिंग पाइपलाइन में ही जगह-जगह पर छेदकर अवैध कनेक्शन लिया जा रहा है। इन संस्थानों द्वारा हर दिन लाखों लीटर पानी की चोरी की जा रही है। नतीजन, जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने से पहले ही पानी खत्म हो जाता है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए भी ऐसे लोगों को पकड़ पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। पाइपलाइन में जगह-जगह से अवैध कनेक्शन लेने वाले लोग पानी पर खुलेआम डाका डाल रहे हैं। लेकिन इन लोगों पर न कोई कार्रवाई हो रही है और न ही छापेमारी कर इन कनेक्शन को काटा जा रहा है।

अवैध कनेक्शन भी बना सरदर्द

राजधानी में करीब 40 हजार अवैध कनेक्शन हैं। इस बात को खुद नगर विकास विभाग के सचिव ने स्वीकार की है। सचिव के अनुसार सिटी में 40 हजार से भी अधिक अवैध कनेक्शन हैं, जिस कारण राजस्व की भी हानि हो रही है। इन अवैध कनेक्शन को कैसे वैध किया जाए इस पर डिपार्टमेंट मंथन कर रहा है। जलापूर्ति योजना के फेज वन में इन अवैध कनेक्शन को वैध किया जाएगा। साथ ही सभी कनेक्शन को मीटर से लैस करने की भी तैयारी चल रही है। लेकिन फिलहाल जहां वैध कनेक्शन है और मीटर भी लगा है, उन लोगों तक पानी पहुंचाने में विफल साबित हो रहा है डिपार्टमेंट।

मई-जून में मचेगा हाहाकार

पानी की क्राइसिस अभी से ही शुरू हो चुकी है। मई-जून के महीने में यह अपने चरमसीमा पर होती है। राजधानी में पानी के मुख्य दो ही स्रोत हैं हटिया और रुक्का डैम। इसमें भी रुक्का डैम से रांची के लगभग 70 परसेंट एरिया में पानी की सप्लाई की जाती है। हर दिन लगभग 60 लाख गैलन पानी की सप्लाई होती है। जिसमें सिर्फ 25 से 30 एमजीडी पानी ही पहुंच पाता है। डोरंडा, अशोक नगर, अरगोड़ा, रातू रोड समेत अन्य इलाकों में पानी पहुंच पाता है। वहीं हटिया डैम से हर दिन 10.5 एमजीडी पानी की सप्लाई होती है।

चोरी बढ़ी तो जागा विभाग

पानी चोरी की समस्या बढ़ते ही अब डिपार्टमेंट की भी नींद खुल चुकी है। भविष्य में पानी के होने वाले संकट को देखते हुए कई निर्णय लिए गए हैं। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने पानी की चोरी रोकने के लिए कडे़ तेवर अपनाए हैं। सभी जल स्रोतों का खुद निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं। साथ ही उन्होंने डिपार्टमेंट के अधिकारियों को भी इस संबंध में कड़े निर्देश जारी किए हैं। छापेमारी कर सभी अवैध कनेक्शन को वैध बनाने में एवं औद्योगिक प्रतिष्ठान, जो पानी की चोरी करते हैं उनपर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है।

पाइपलाइन लीकेज से भी लाखों लीटर बर्बाद

पानी की चोरी के अलावा इसकी बर्बादी भी एक बड़ी समस्या है। पाइपलाइन में लीकेज की वजह से हर दिन लाखों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। एक बार लीकेज होने पर इसके मरम्मती में तीन से चार दिन का समय लगा दिया जाता ह,ै जिससे पानी की लगातार बर्बादी होती रहती है। इसके अलावा आम पब्लिक भी पानी बर्बाद करने में पीछे नहीं है। घरों की टंकी भरने के बाद भी पानी नीचे गिरता रहता है। इसके अलावा गाड़ी धोने में भी सप्लाई पानी का उपयोग किया जाता है। अगर इन सभी बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए तो लाखों लीटर पानी बचाया जा सकता है।

Posted By: Inextlive