-50 हजार लीटर रिसाइकिल करने की है फैसिलिटी

-लाउंड्री में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी को किया जाएगा रिसाइकिल

-लाउंड्री की मशीनों में इस्तेमाल के लिए तय है पानी का मानक

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RANCHI (20 छ्वड्डठ्ठ) : रांची रेलवे स्टेशन को इको स्मार्ट स्टेशन के रूप में डेवलप किया जा रहा है। इसी के तहत अब रांची रेलवे स्टेशन पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। जहां लाउंड्री से निकलने वाले वेस्ट वाटर को ट्रीट किया जाएगा। इसके बाद वेस्ट वाटर को ट्रीट करने के बाद दोबारा इस्तेमाल के लायक बना दिया जाएगा। फिलहाल पानी का सैंपल ट्रीटमेंट के बाद चेक करने के लिए भेजा गया है। सैंपल की मंजूरी मिलते ही ट्रीटमेंट प्लांट को चालू कर दिया जाएगा। बताते चलें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी इको स्मार्ट स्टेशन बनाने को लेकर मंजूरी दे दी है।

हर दिन 50 हजार लीटर की है जरूरत

स्टेशन कैंपस में ही मेकेनाइज्ड लाउंड्री रन कर रही है। जहां पर रांची से खुलने वाली कई ट्रेनों में लीनेन की सप्लाई की जाती है। ऐसे में हर दिन काफी मात्रा में लीनेन सफाई के लिए लाया जाता है। जिसकी सफाई के लिए 50 हजार लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। वहीं लीनेन की धुलाई के बाद पानी को ड्रेनेज में बहा दिया जाता है। लेकिन नई व्यवस्था होने से पानी बर्बाद नहीं होगा।

ट्रीटमेंट में कुछ पानी हो जाएगा बेकार

लाउंड्री में सफाई के लिए 50 हजार लीटर पानी यूज होता है। ये पानी वैसे तो बहा दिया जाता है। लेकिन ट्रीटमेंट के लिए जब पानी को यूज किया जाएगा तो उसमें से कुछ पानी बर्बाद हो जाएगा। जिससे कि वेस्ट में निकलने वाले 10 हजार लीटर में से 7 लीटर पानी ही ट्रीटमेंट के बाद इस्तेमाल के लायक होगा। लाउंड्री में पानी के इस्तेमाल के लिए एक मानक तय किया गया है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से इसे बढ़ावा दिया जा रहा है। इको स्मार्ट स्टेशन बढ़ाने को लेकर रांची डिवीजन ने कदम बढ़ा दिया है। कई काम हो चुके है और कुछ होने बाकी है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी उसी का हिस्सा है। आखिर पानी का लेवल जिस तेजी से गिर रहा है तो इसे बचाना होगा।

सुहास लोहकरे, एसपीआरओ, रांची डिवीजन

Posted By: Inextlive