-इलाहाबाद ही नहीं वाराणसी में भी है वाटर लेवल की प्रॉब्लम

- वाराणसी में बीच गंगा में फंस गया राजमहल क्रूज

- स्टीमर से टूरिस्टों को ले जाया गया खिड़किया घाट

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी के आंकड़े भी अब ये बता रहे हैं कि एनडीए गवर्नमेंट के साथ ही आईडब्ल्यूएआई का टारगेट प्रयाग नगरी नहीं बल्कि काशी है। प्रयाग तो बहाना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक जहाज चलाकर काशी को विश्व पटल पर चमकाना है। अगर टारगेट केवल वाराणसी नहीं है तो फिर वाराणसी से इलाहाबाद के बीच वाटर लेवल की प्रॉब्लम बताकर जहाज चलाने से क्यों मना किया गया। जबकि वाटर लेवल की प्रॉब्लम तो पटना से वाराणसी के बीच भी है। बुधवार को पटना से फॉरेन टूरिस्टों को लेकर वाराणसी पहुंचे राजमहल क्रूज ने ये साबित भी कर दिया। क्योंकि राजमहल वाराणसी के खिड़किया घाट से करीब एक किलोमीटर पहले ही फंस गया।

डायरेक्टर कहते हैं वाटर लेवल कम है

आईडब्ल्यूएआई पटना के डायरेक्टर गुरुमुख सिंह का कहना है कि नेशनल वाटरवे पर जहाज चलाने के लिए कम से कम तीन मीटर पानी चाहिए। वाराणसी से इलाहाबाद के बीच में लीन सीजन में वाटर लेवल कम होने की वजह से वाराणसी से इलाहाबाद तक जहाज नहीं चल सकता। यहां परमानेंट जहाज चलाने के लिए बैराज बनाने की जरूरत है।

आंकड़े तो कुछ और ही कहते हैं।

डायरेक्टर जहां वाटर लेवल की प्रॉब्लम बताते हैं, वहीं आईडब्ल्यूएआई के आंकड़े कुछ और ही कहते हैं। आंकड़े बताते हैं कि लीन सीजन में केवल वाराणसी से इलाहाबाद के बीच में ही नहीं, बल्कि पटना से वाराणसी के बीच में भी आईडब्ल्यूएआई को वाटर लेवल तीन मीटर नहीं बल्कि दो मीटर से भी कम मिल रहा है। कई स्थानों पर तो एक मीटर के करीब वाटर लेवल रिकार्ड किया गया है। तो क्या हर स्थान पर बैराज बनाया जाएगा। अगर हां, तो फिर नेशनल वाटर वे पर जहाज चलने में क्0-क्भ् साल नहीं बल्कि, कई दशक लग जाएंगे।

प्रॉब्लम नहीं तो कैसे अटक गया राजमहल

आईडब्ल्यूएआई के आंकड़े, अधिकारियों के दावे और अब सामने आ रहे हकीकत ही ये सवाल उठा रहे हैं कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है। अगर गड़बड़ी न होती तो फिर जिस रूट पर अभी तक वाटर लेवल सही होने की बात कही जा रही थी, तो उस रूट पर फार्नर टूरिस्टों को लेकर पटना से वाराणसी आ रहा राजमहल क्रूज बीच में कैसे फंस गया। राजमहल क्रूज को वाराणसी के खिड़किया घाट पर ले जाना था। लेकिन बुधवार को क्रूज एक किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। इसके बाद स्टीमर से टूरिस्टों को खिड़किया घाट ले जाया गया।

पटना से इलाहाबाद के बीच वाटर लेवल

अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त

क्। पटना-दोरीगंज ख्.ख् क्.8 ख्.क् फ्.7 ब्.फ्

ख्। दोरीगंज-बलिया क्.7 क्.ब् क्.7 ख्.8 ब्.ख्

फ्। बलिया-बक्सर क्.7 क्.म् क्.भ् क्.9 ब्.क्

ब्। बक्सर-गाजीपुर क्.8 क्.म् क्.7 ख्.0 फ्.9

भ्। गाजीपुर-सैदपुर क्.ब् क्.भ् क्.ख् क्.ब् ब्.8

म्। सैदपुर-वाराणसी क्.भ् क्.भ् क्.भ् क्.भ् 7.ख्

7. वाराणसी-चुनार क्.7 क्.भ् क्.भ् क्.भ् 7.म्

8. चुनार-मिर्जापुर क्.ख् क्.0 क्.क् क्.7 ख्.7

9. मिर्जापुर-रामपुरघाट क्.फ् क्.0 क्.क् क्.7 फ्.क्

क्0. रामपुरघाट-सिरसा क्.भ् क्.फ् क्.ख् क्.9 ख्.9

क्क्। सिरसा-इलाहाबाद 0.9 0.7 0.8 क्.7 ख्.फ्

नोट- आंकड़े मीटर में हैं। सोर्स- आईडब्ल्यूएआई- ऑफिशियल वेबसाइट

Posted By: Inextlive