- नामी निर्देशक लेंगे लखनऊ यूनिवर्सिटी में लेक्चर

- सीबीसीएस के तहत शुरू होगा फिल्म टेक्निक कोर्स

- सितंबर में जुटेंगे गई बड़े फिल्म निर्देशक

LUCKNOW: अब लखनऊ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स न केवल बॉलीवुड में फिल्मों के निर्देशन की कमान संभालेंगे, बल्कि उनकी कथा, पटकथा, संवाद लेखन और सिनेमा को साहित्य से जोड़कर पूरी दुनिया के समाने रखेंगे। एलयू के अंग्रेजी व मॉडर्न यूरोपियन लैंग्वेज विभाग में मंगलवार से मशहूर रंगकर्मी सलीम आरिफ ने थियेटर और सिनेमा विषय में फिल्म अडॉप्टेशन पर अपना लेक्चर क्लास के माध्यम से देना शुरू कर दिया है। मौजूदा समय में विभाग में पचास के करीब स्टूडेंट्स हैं, जो इस एच्च्छिक विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। विभाग की प्रो। निशी पांडेय ने बताया कि“बच्चों को यह बताना जरूरी है कि आने वाले समय में सिनेमा आधारित साहित्य बेहद अहम होगा।

एक बड़ा और अच्छा कैनवास

प्रो। निशी पांडेय ने बताया कि मौजूदा समय में ज्यादातर भाषा और साहित्य डिजिटल फॉर्मेट में है। जिसे हाथों-हाथ लोग स्वीकार कर रहे हैं। इसी प्रकार हम बच्चों को इस प्रकार की क्लासेस के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि वास्तव में किसी भी साहित्य को किस प्रकार सिनेमा के जरिए एक बड़ा और अच्छा कैनवास दिया जा सकता है।

फिल्म टेक्निक कोर्स की होगी शुरुआत

प्रो। निशी पांडेय ने बताया कि आने वाले दिनों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के माध्यम से विभाग में फिल्म टेक्निक कोर्स की शुरुआत करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि वास्तव में हमारा प्रयास है किस्टूडेंट्स जो वह पढ़ रहे हैं, उन्हें उसका प्रयोग करने का मौका मिले। प्रो। पांडे के अनुसार, हमारे पास साहित्य की कोई कमी नहीं है लेकिन फिल्मों के जरिए उसे सही तरीके से अपनाकर प्रसारित करना बेहद अहम है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कोर्स में बच्चे कुछ साहित्य आधारित पटकथा को लिखने और बनाने का काम करेंगे। इसके लिए बॉलीवुड से जुड़े नामचीन लोगों को भी बतौर गेस्ट फैकेल्टी बच्चों को सिखाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार सत्र का करेंगे आयोजन

प्रो। निशी पांडेय ने बताया कि हम अपने विभाग में आगामी सितंबर माह में एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार सत्र का आयोजन करने का मन बना रहे हैं। इसमें अनुराग कश्यप, विशाल भारद्वाज, सुधीर मिश्रा जैसे कई बड़े निर्देशकों को आमंत्रित किया जाएगा। इस सत्र में न केवल बच्चों से फिल्म और थियेटर की विधा से जुड़ी बातों को बताया जाएगा, बल्कि उनके प्रदर्शन से उन्हें बॉलीवुड में शुरुआत करने के भी मौके सामने आएंगे। बताते चलें कि आज भी बॉलीवुड में हिंदी पट्टी से आए लोगों की बेहद मांग है और जहां तक अवध क्षेत्र का सवाल है तो यहां की कई प्रतिभाएं फिल्मों के लिए साहित्य अडॉप्टेशन में माहिर हैं। प्रो। पांडे ने बताया कि सत्र के दौरान उन बारीकियों पर काम किया जाएगा जिनको न अपनाकर कई अच्छे साहित्यों पर बना सिनेमा अपनी पहचान नहीं छोड़ पाया। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारे स्टूडेंट्सों के पास इससे संबंधित जानकारी होगी और उन्होंने इसका प्रयोग भी कर रखा होगा। ऐसे में वह बॉलीवुड को ज्यादा बेहतर नतीजे दे पाएंगे।

Posted By: Inextlive