डॉलर के मुकाबले रुपया 65 के पार
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अमरीका के केंद्रीय बैंक फ़ेडरल रिज़र्व की ओर से ऐसे संकेत मिले थे कि अगले महीने से वो अर्थव्यवस्था को दिए जा रहे प्रोत्साहन में कमी ला सकता है और इन संकेतों के बाद से रुपये में और गिरावट होनी शुरू हुई.बुधवार को रुपये ने 64.54 का आंकड़ा छू लिया था लेकिन गुरुवार को भी इसमें गिरावट जारी रही.फ़ेडरल रिज़र्व के अधिकारियों का मानना है कि केंद्रीय बैंक को बांड बाज़ार से भारी खरीद रोक लेनी चाहिए. वर्ष 2008 से इसकी शुरुआत की गई थी ताकि बाज़ार में ब्याज दर कम रहे और आर्थिक विकास को सहारा दिया जा सके.उधर ड्यूश बैंक की एक रिपोर्ट ने बुधवार में भविष्यवाणी की गई थी कि एक महीने में रुपया 70 के आंकड़े को छू लेगा.
एशियाई मुद्राओं में रुपये का प्रदर्शन इस वर्ष सबसे खराब रहा है. जो निवेशक भारतीय स्टॉक मार्केट में खरीदारी कर रहे थे, वो अब बाज़ार से भाग रहे हैं.रॉयटर्स के अनुसार बुधवार को चार निवेशकों में 50 करोड़ डॉलर बाज़ार से खींच लिए.इस महीने भारतीय बाज़ारों और कॉर्पोरेट बॉंड बाज़ार से 1.3 अरब डॉलर निकाले जा चुके हैं.
विश्लेषक देवेन चौकसी ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा, "अगले कुछ सत्रों में अगर कुछ बेहतरी के संकेत नहीं मिलते तो विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाज़ारों से निवेश निकालते रहेंगे जिसका असर रुपये पर पड़ेगा."उधर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे मलेशिया, इंड़ोनेशिया और थाईलैंड में भी मुद्राएँ दबाव में हैं.नाकामयाबी