- करीब 25-30 लाइसेंस ही हो सके हैं जरी

- डिप्टी सीएम से की थी निवर्तमान डीएम की शिकायत

आगरा। शस्त्र लाइसेंस के लिए लम्बे समय से इंतजार कर रही नेतानगरी आखिर इंतजार करती ही रह गई। निवर्तमान डीएम एनजी रवि कुमार ने सभी को इंतजार करने के लिए कहा। जैसे ही उनके ट्रांसफर की सूचना आई तो चार्ज छोड़ने से पहले शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए सभी नेता उनके पास पहुंचे। झटके में असहला बाबू को फोन कर फाइलें तो मंगवा लीं, लेकिन स्वीकृत नहीं किए।

लाइसेंस को लेकर रही नाराजगी

लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 के चुनाव से पहले शस्त्र लाइसेंस से कोर्ट की रोक हट गई थी। इसके बाद करीब पांच साल से शस्त्र लाइसेंस के लिए इंतजार कर रहे लोग रोक हटने के बाद शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए उतावले हो उठे। करीब साढे़ छह हजार आवेदन भी इसके लिए बिके। इसके बाद आचार संहिता लग गई। इसकी वजह से शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत नहीं हो सके। चुनाव हो गया। परिणाम भी आ गए, केंद्र में फिर से भाजपा की सरकार आ गई। लेकिन भाजपा नेता शस्त्र लाइसेंस के लिए परेशान ही रहे। नेताओं ने डीएम पर लाइसेंस के लिए बनाने के लिए दबाव बनाया। इस पर फिर से उन्हें लाइसेंस जारी करने का आश्वासन दे दिया गया।

विजन था क्लीयर

निवर्तमान डीएम एनजी रवि कुमार का साफ विजन था। उनका कहना था कि वास्तविक जरूरतमंद को शस्त्र लाइसेंस के लिए भटकना नहीं पडे़गा और हुआ भी ऐसा ही। लेकिन शौकीनों को लाइसेंस देना जरूरी नहीं समझा। इसका परिणाम भी देखने को मिला। उन्होंने करीब पौने दो साल के कार्यकाल में आखिरी समय में करीब 25-30 ही लाइसेंस जारी किए हैं। इनमें ऐसे भी लोग शामिल हैं, जिनका नेतानगरी से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन उनके लिए शस्त्र लाइसेंस जरूरी था।

साढे़ छह हजार हुए आवेदन

शस्त्र लाइसेंस के लिए करीब साढे़ छह हजार आवेदन बिके थे। जो लोग सांसद और विधायकों के ज्यादा ही करीब थे, उन्होने तो एक माह से पहले ही सभी औपचारिकताएं पूरी कराकर वापस डीएम के पास भेज दिया था। बावजूद इसके वे लाइसेंस जारी कराने में नाकाम ही रहे।

Posted By: Inextlive