बुधवार की शाम बूंदाबांदी के बाद बढ़ी, हॉस्पिटल में पहुंचे मरीज

ALLAHABAD: पारा मौसमी उठापटक लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है। सूरज की तपिश के बीच बुधवार शाम बूंदाबांदी के बाद इतनी उमस बढ़ गई कि लोग अस्पताल पहुंचने लगे। गुरुवार को हॉस्पिटल्स में डायरिया और उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ। ओपीडी और वार्ड फुल नजर आए। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों के साथ है।

दर्जनों की संख्या में भर्ती हुए मरीज

उमस के चलते दर्जनों की संख्या में डायरिया और उल्टी-दस्त मरीजों को कॉल्विन, एसआरएन और बेली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। लोगों को जी मितलाना, सिरदर्द, कमजोरी, उल्टी, दस्त और उलझन की समस्या से दो चार होना पड़ा। सीनियर फिजीशियन डॉ। ओपी त्रिपाठी ने बताया कि उमस से पसीना ज्यादा निकलता है। पसीने के जरिए शरीर के अंदर मौजूद पानी निकल जाने से उल्टी-दस्त की समस्या पैदा होती है। इसलिए इस मौसम में पानी पीते रहना चाहिए। गुरुवार को ओपीडी में 25 से 30 फीसदी मरीज उल्टी-दस्त के रहे।

कम खाएं, ज्यादा लें लिक्विड

टीबी एंड चेस्ट फिजीशियन डॉ। आशुतोष गुप्ता कहते हैं कि इस मौसम में लोगों को भोजन कम और लिक्विड ज्यादा लेना चाहिए। पानी के साथ, फलों का जूस, मट्ठा, नींबू पानी आदि लेते रहना चाहिए। बाजार की चीजों से बचें, खाना ताजा खाएं।

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बच्चों का रखें ख्याल

चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। मनीष राज चौरसिया कहते हैं उमस के सीजन में बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को उल्टी-दस्त की अधिक शिकायत होती है। समय से इलाज न मिलने पर हालात बिगड़ जाते हैं। गुरुवार को दोपहर तक चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की ओपीडी में मरीजों की भारी भीड़ रही। उल्टी-दस्त से ग्रसित कई बच्चों को वार्ड में भर्ती कराया गया। डॉ। चौरसिया कहते हैं कि छोटे बच्चों को समय-समय पर पानी की मात्रा देते रहना चाहिए। महिलाओं को स्तनपान पर अधिक ध्यान देना होगा। छोटे बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए रोटा वायरस का टीका जरूर लगवाएं

Posted By: Inextlive