Kanpur: बदले हुए मौसम में हार्ट और न्यूरो के पेशेंट्स की संख्या में जबरदस्त इजाफा. कार्डियोलॉजी पहुंचने वाले पेशेंट्स में 20 परसेंट हैं यूथ


पिछले कुछ दिनों से बदला हुआ मौसम दिल और दिमाग के नए पेशेंट्स पैदा कर रहा है। जो पेशेंट्स कार्डियोलॉजी और न्यूरो वार्ड में एडमिट हो रहे हैं। उनमें से करीब 25 परसेंट पेशेंट्स की हार्ट या फिर न्यूरो प्रॉब्लम की मेडिकल हिस्ट्री नहीं है। बदलते मौसम ने कानपुराइट्स के दिल और दिमाग पर अटैक कर दिया है। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। मो। अहमद ने इन बीमारियों को बदलते मौसम का जिम्मेदार बताया। यूथ पर भी मार


कार्डियोलॉजी और न्यूरो डिपार्टमेंट में पहुंचने वाले पेशेंट्स में यूथ का परसेंटेज 20 है। कार्डियोलॉजी के आईसीयू के ड्यूटी डॉक्टर एमएम राजी ने बताया कि एडमिट होने वाले हर पांच पेशेंट्स में से एक पेशेंट 25 से 35 साल की उम्र का है। फ्राइडे को कार्डियोलॉजी में रूचि को एडमिट कराया गया। रूचि की हार्ट बीट्स अचानक बढ़ गई थीं। डॉक्टर ने ईसीजी करने के बाद उसे इमरजेंसी में शिफ्ट कर दिया। उनकी उम्र महज 32 साल है।सर्दी-जुकाम को हल्के में न लें

डॉ। वरुण ने बताया कि इस मौसम में हो रहे सर्दी-जुकाम को नजरअंदाज न करें। क्योंकि इसका इनफेक्शन कई गुना तेजी से बढ़ता है। ओपीडी में आ रहे पेशेंट्स की संख्या बताती है कि हर फैमिली में कोई न कोई इस इनफैक्शन का शिकार है। उन्होंने बताया कि सर्दी-जुकाम को नजरअंदाज करने से बॉडी का रेस्पेटरी सिस्टम इफेक्ट हो सकता है।कार्डियोलॉजी में इमरजेंसी का हाल-ग्राउंड फ्लोर इमरजेंसी - 30 बेड - फुल-सेकेंड फ्लोर इमरजेंसी - 44 बेड - फुल-सीटीवीएस सर्जरी डिपार्टमेंट - फुल"ये मौसम हार्ट, बीपी और अस्थमा के पेशेंट्स के लिए हॉर्मफुल है। ऐसे मौसम में ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। हार्ट बीट्स बढ़ जाती हैं। इसके अलावा बॉडी में ब्लड के जमने यानि क्लॉट के चांस बढ़ जाते हैं। जिससे हार्ट अटैक, एनजाइना और पेरालिसिस अटैक पडऩे का खतरा बढ़ जाता है."डॉ। मोहम्मद अहमद, सीनियर कार्डियोलॉजिस्टBeware-ठंड में एक्सपोजर से बचें-इस बदलते मौसम में गर्म कपड़े पहनें-गले, हाथ और पैर को डायरेक्ट ठंड के कांटेक्ट में आने से बचाएं-ग्लव्स, कैप और सॉक्स का यूज करें -जो हार्ट पेशेंट्स नहीं हैं, उन्हें भी एहतियात रखने की जरूरत है-इस मौसम में मार्निंग वॉक बंद कर दें-बदलते मौसम में पानी को ब्वॉयल करके पिएंCase studies

42 साल के मो। असलम खान ने बताया कि वो कुछ दिन पहले पूरी तरह से फिट थे। मार्केटिंग जॉब होने की वजह से डेली अच्छी-खासी ट्रैवलिंग भी करते थे। लेकिन अचानक थर्सडे को घबराहट हुई और बेचैनी बढ़ गई। हालत इस कदर बिगड़ी कि घर के पास ही प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर ने कार्डियोलॉजी में दिखाने को कहा। यहां पर डॉक्टर्स से चेकअप कराया तो पता चला कि मौसम की वजह से हार्ट प्राब्लम हुई है। हार्ट बीट्स बढ़ी हुई थी और बीपी भी एबनॉर्मल था। कार्डियोलॉजी में ट्रीटमेंट करा रही 32 साल की रूचि को भी पहले हार्ट की प्रॉब्लम नहीं थी। लेकिन वीकनेस होने के कारण फ्राइडे को रूचि की हालत बिगड़ गई। डॉक्टर्स ने रूचि का ईसीजी किया। हालत बिगड़ते देख रूचि को फौरन आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। रूचि के फैमिली मेंबर्स ने बताया कि रूचि को हार्ट या फिर बीपी की कोई भी प्राब्लम नहीं थी।

Posted By: Inextlive