- एएन कॉलेज में बेबिनार में बोले बीएचयू के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के हेड patna@inext.co.in PATNA : यूरोपीय लोग भारतीय लोगों के प्रति शुरु से ही भेदभाव का रुख रखते थे. खास तौर पर महामारी के मामले में भारतीय और एशियाई देशों के सभ्यता और संस्कृति को हीन भावना से देखा जाता था. ये बातें बीएचयू

- एएन कॉलेज में बेबिनार में बोले बीएचयू के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के हेड

PATNA :

यूरोपीय लोग भारतीय लोगों के प्रति शुरु से ही भेदभाव का रुख रखते थे। खास तौर पर महामारी के मामले में भारतीय और एशियाई देशों के सभ्यता और संस्कृति को हीन भावना से देखा जाता था। ये बातें बीएचयू की हिस्ट्री डिपार्टमेंट की हेड प्रोफेसर बिंदा परांजपे ने एएन कॉलेज, पटना के वेबिनार में बतौर की स्पीकर बोल रही थी। वेबिनार का विषय था- लर्निग फ्रॉम पास्ट एपिडेमिक्स : ए हिस्टोरियकल ओवरव्यू । प्रोफेसर परांजपे ने पूर्व में आए प्लेग और कॉलरा का जिक्र करते हुए यूरोपीय अपने को श्रेष्ठ बताते थे। यूरोपीय भारतीयों से जातिगत विभेद रखते थे। उनका मानना था कि भारतीय स्वच्छता का ख्याल नहीं रखते थे और इसलिए महामारी का प्रसार होता था। भारतीय लोगों में वैज्ञानिकता का अभाव था। उन्होंने कहा कि किसी भी महामारी का सिर्फ सामूहिक अध्ययन काफी नहीं है उसका व्यक्तिगत अध्ययन भी होना चाहिए।

अब मान रहे भारतीय बेहतर

आगे चर्चा करते एएन कॉलेज की हिस्ट्री डिपार्टमेंट की हेड प्रो। माला सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में पूरा विश्व भारत की प्रशंसा कर रहा है। भारत में इसके लिए जरुरी एहतियात रखे गए। उन्होंने कहा कि इसका एक सकारात्मक पक्ष भी दिखा है कि प्रकृति फिर से मुस्कुरा रही है। गंगा का पानी शुद्ध हो रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि हमलोग प्रकृति का दोहन कर रहे थे.कार्यक्रम का आयोजन आईक्यूएसी सेल की ओर से किया गया। संचालन सेल की ज्वाइंट को-आर्डिनेटर डॉ रत्‍‌ना अमृत ने किया। धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूएससी के को-आर्डिनेटर डॉ अरुण कुमार ने किया। इसमें बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स और शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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Posted By: Inextlive